📍 स्थान: रायपुर | 🗓️ तिथि: 1 सितंबर 2025 (CM साय के बस्तर दौरे से लौटने के बाद)
🎯 बैठक का मुख्य एजेंडा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट संकेत दिया है कि राज्य सरकार अब “फाइलों में अटके काम” को हर हाल में पूरा करवाना चाहती है। इसलिए इस बैठक में प्रमुख विभागों के अधूरे और लंबित कार्यों की गहन समीक्षा की जाएगी।
1. सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD)
- अधूरे सड़क, पुल, फ्लाईओवर और भवन निर्माण कार्यों की स्थिति पर चर्चा।
- राजधानी रायपुर सहित जिलों में लंबित सड़क परियोजनाओं की डेडलाइन तय करना।
- खराब गुणवत्ता/धीमी गति से काम करने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई की चेतावनी।
👉 असर: आम जनता को जल्द ही बेहतर सड़क और यातायात सुविधा मिलेगी।

2. सिंचाई विभाग
- बाढ़ और बारिश के कारण रुके सिंचाई प्रोजेक्ट्स की समीक्षा।
- नहरों, डैम और जलाशयों के मरम्मत और आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान।
- किसानों को समय पर पानी उपलब्ध कराने की रणनीति।
👉 असर: खेती-किसानी के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
3. शिक्षा विभाग
- स्कूलों में नई बिल्डिंग, स्मार्ट क्लास और संसाधनों की उपलब्धता का आकलन।
- शिक्षकों की कमी और तबादलों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा।
- “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा” सुनिश्चित करने के लिए योजनाओं की गति बढ़ाने पर ज़ोर।
👉 असर: बच्चों को बेहतर पढ़ाई और सुविधाएँ मिलेंगी।
4. स्वास्थ्य विभाग
- ज़िलों और ग्रामीण क्षेत्रों में अधूरे अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों की समीक्षा।
- दवाओं और मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के उपाय।
- टेलीमेडिसिन और मोबाइल हेल्थ यूनिट जैसी नई सेवाओं को तेज़ी से लागू करना।
👉 असर: ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति मजबूत होगी।
⚡ बैठक से अपेक्षित परिणाम
- सभी विभागों को टाइम-बाउंड टारगेट मिलेगा।
- अधिकारियों और ठेकेदारों पर काम की रफ्तार बढ़ाने का दबाव बनेगा।
- आम जनता से सीधे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी।
👉 जनता के लिए इसका महत्व
- लंबे समय से अधूरे पड़े विकास कार्य अब जल्दी पूरे होने की संभावना।
- सड़क, पानी, शिक्षा और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार।
- सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह “कामकाजी और परिणाम देने वाली” है।