राज्य के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता तंत्र ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) आर. पुराम ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न विभागों के कार्यपालन अभियंताओं की समीक्षा बैठक ली।

बैठक में लंबित निरीक्षण प्रतिवेदन को लेकर गंभीर चिंता जताई गई और अभियंताओं को 7 दिन की अंतिम मोहलत दी गई।
विभागवार लंबित मामले (30 जून 2025 तक)
- लोक निर्माण विभाग (PWD): 493 मामले लंबित
- जल संसाधन विभाग: 308 मामले लंबित
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHED): 203 मामले लंबित
- नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग: 11 मामले लंबित
- प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना: 73 मामले लंबित
- हाउसिंग बोर्ड एवं मेडिकल सर्विसेज: 86 मामले लंबित
मुख्य तकनीकी परीक्षक की सख्त चेतावनी
आर. पुराम ने कहा कि विभागवार समीक्षा के बाद अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- समय पर निरीक्षण प्रतिवेदन निपटाना ही विभागीय जवाबदेही और सुशासन की गारंटी है।
- यदि निर्धारित समयसीमा में कार्रवाई नहीं हुई तो कड़ी विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
👉 यह कदम राज्य में निर्माण कार्यों की पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने की दिशा में एक सख्त संदेश माना जा रहा है।