छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार में 14 मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता कांग्रेस कार्यकर्ता बसदेव चक्रवर्ती ने संविधान के अनुच्छेद 164(1A) का हवाला देते हुए दलील दी कि 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंत्रिमंडल की अधिकतम सीमा 13 मंत्री हो सकती है, जबकि फिलहाल 14 मंत्री नियुक्त किए गए हैं, जो असंवैधानिक है।

सरकार का तर्क – सुप्रीम कोर्ट में लंबित है मामला
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की खंडपीठ में हुई। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि मंत्रिमंडल की संख्या से जुड़ा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जो मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार से जुड़ा हुआ मामला है।
कोर्ट ने मांगे दस्तावेज़, अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद
पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सामाजिक कार्यों का शपथपत्र मांगा था। मंगलवार को जब मामला सामने आया तो याचिकाकर्ता ने कोविड काल की सेवाओं से जुड़े फोटो और अखबार की कटिंग प्रस्तुत की। हालांकि, चीफ जस्टिस ने इन दस्तावेजों में तिथि और समय न होने पर सवाल उठाए।
याचिका को गंभीर मानते हुए कोर्ट का रुख
कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए तीन सप्ताह का समय दिया है और अगली सुनवाई उसी अवधि के बाद तय की है। इस याचिका में सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री और सभी 14 मंत्रियों को पक्षकार बनाया गया है।