पाटन क्षेत्र के जिला अस्पताल झीट में डॉक्टरों की कमी से जहां मरीज परेशान हो रहे हैं वही सीमित डॉक्टर को भी अपनी सेवाएं ओडीपी के बाद भी देनी पड़ रही है। मौसमी बीमारियों के अलावा गंभीर बीमारी के इलाज के लिए आसपास के गांव के लोग झीट सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आते हैं लेकिन डॉक्टर स्टाफ की कमी होने के वजह से सर्दी, खांसी,बुखार जैसी मौसमी बीमारियों के लिए उन्हें तीन से चार घंटे इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

आसपास के दर्जनों गांवों से अस्पताल में रोजाना भारी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं जिसमें सर्दी,खांसी,बुखार के अलावा गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बड़े, बुजुर्ग भी अपना इलाज करने आ रहे हैं लेकिन उन्हें इलाज के लिए घंटो
इंतजार करना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल में सस्ता और अच्छा इलाज होता है लेकिन परेशानी कम होती नहीं दिख रही है। डाक्टरों की कमी के चलते मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। सरकारी अस्पताल में संसाधन तो बढ़ रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों की संख्या निरंतर घट रही है। सीमित डॉक्टर ओपीडी खत्म होने के बाद भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
झीट के सरकारी अस्पताल में आसपास के गांव बटग,तर्रा, मगरघटा, भोथलि, कोपेहडीह, अम्लेश्वर, कुरूदडीह, औंधी, मोतीपुर, सांकरा, खुडमुड़ा जैसे गांव से मरीज लगातार पहुंच रहे है। लेकिन उन्हें इलाज में काफी समय लग रहे हैं इसलिए वह अब प्राइवेट अस्पतालों की ओर जा रहे हैं।