🗓️ कार्यक्रम की रूपरेखा:
- 15 सितम्बर 2025 (सोमवार):
- श्री गजेंद्र यादव दिल्ली होते हुए अहमदाबाद पहुंचेंगे।
- अहमदाबाद में वे भास्कराचार्य अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG) का भ्रमण करेंगे।
► BISAG एक प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान है, जो अंतरिक्ष से जुड़े अनुप्रयोग, भू-सूचना विज्ञान (Geoinformatics) और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नवाचार करता है।
► इस भ्रमण का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में उपयोगी तकनीकों और मॉडल को समझना और भविष्य में शिक्षा क्षेत्र में अपनाना है।

- 16 सितम्बर 2025 (मंगलवार):
- श्री यादव विजिटर ऑफ़ शिक्षा समीक्षा केंद्र का दौरा करेंगे।
► यह केंद्र शिक्षा गुणवत्ता, नीतियों, शिक्षण पद्धतियों, मूल्यांकन प्रणालियों आदि का समिक्षा कार्य करता है। - इसके बाद वे किसी प्रमुख स्कूल का भी दौरा करेंगे, जहां वे नवीनतम शिक्षण विधियों, डिजिटल शिक्षण उपकरणों, स्मार्ट क्लासरूम जैसी तकनीकों का अवलोकन करेंगे।
- दिनभर वे राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
► बैठक का मुख्य उद्देश्य: गुजरात में शिक्षा क्षेत्र में अपनाए जा रहे बेहतरीन नवाचार, डिजिटल टेक्नोलॉजी का अध्ययन और छत्तीसगढ़ में उनका सफलतः कार्यान्वयन कैसे किया जा सकता है, इस पर विचार-विमर्श करना।
- श्री यादव विजिटर ऑफ़ शिक्षा समीक्षा केंद्र का दौरा करेंगे।
- 17 सितम्बर 2025 (बुधवार):
- अहमदाबाद से रायपुर वापस लौटने का कार्यक्रम निर्धारित है।
🎯 दौरे का उद्देश्य:
- गुजरात में शिक्षा और विज्ञान से जुड़े क्षेत्रों में हो रहे नवाचार, उन्नत तकनीकों, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स, शिक्षण मॉडलों का अवलोकन करना।
- BISAG जैसे वैज्ञानिक संस्थानों के माध्यम से भू-सूचना विज्ञान, डिजिटल एप्लिकेशन इत्यादि का अध्ययन करना।
- शिक्षा समीक्षा केंद्र और स्कूलों में हो रहे बेहतरीन प्रयोगों को समझना ताकि छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक वातावरण को और अधिक प्रभावी, तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जा सके।
- गुजरात में चल रहे सफल मॉडलों को छत्तीसगढ़ में अपनाने की संभावनाओं पर विचार करना।
✅ संभावित लाभ:
- छत्तीसगढ़ के स्कूलों में डिजिटल शिक्षण, स्मार्ट क्लासरूम और भू-सूचना विज्ञान पर आधारित परियोजनाओं का विस्तार।
- शिक्षा गुणवत्ता में सुधार और सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाना।
- राज्य में शिक्षा नीति निर्धारण में नवाचारों को शामिल करना।
- छात्रों की तकनीकी दक्षता और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना।