भाजपा ने हाल में एक कार्टून/पोस्टर जारी कर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल को निशाना बनाया — पोस्टर में दोनों के चित्र के साथ संदेश था कि एक तरफ “वोट चोरी” का आरोप है और दूसरी तरफ “नोट चोरी” (या “वोट चोर” / “नोट चोर”) का तंज है। यह पोस्टर कांग्रेस के हालिया ‘वोट चोरी’ अभियान के जवाब में जारी किया गया माना जा रहा है।
विस्तार — क्या हुआ, क्यों और क्या मायने हैं
- पोस्टर में क्या दिखाया गया
- पोस्टर/कार्टून में भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल का कार्टून है और कैप्शन/टैगलाइन में कांग्रेस के “वोट चोर” अभियान का मज़ाक उड़ाते हुए राजनैतिक आरोपों को पलटकर दिखाई गया — मीडिया रिपोर्टों ने इसे “एक तरफ वोट चोरी का प्रपंच, दूसरी तरफ नोट चोरी का” जैसे शब्दों से उद्धृत किया है।

- संदर्भ — यह पोस्टर क्यों निकला?
- पिछले दिनों कांग्रेस ने देशभर में और खासकर छत्तीसगढ़ में “वोट चोरी”/“वोट रक्षक” तरह के अभियान चलाये हैं — राहुल गांधी/कांग्रेस द्वारा मतदाता सूची में हेराफेरी और वोट चोरी के आरोप उठाने के बाद पार्टी ने signature/mobilisation अभियानों और रैलियों की शुरुआत की। भाजपा ने इस ‘वोट चोरी’ अभियान को लेकर पलटवार में पोस्टर जारी.
- कौन-से आरोप/पृष्ठभूमि जुड़ी है (चैतन्य बघेल व अन्य मुद्दे)
- चैतन्य बघेल को (ED / EOW से जुड़ी) शराब/मनी-लॉन्ड्रिंग/लिकर-स्कैम मामलों में पूछताछ औरं हिरासत का सामना करना पड़ा है — इसी पृष्ठभूमि में भाजपा ने “नोट चोर” जैसा तंज किया है। मीडिया ने चैतन्य बघेल से जुड़ी कई जांच / रिमांड / चार्जशीट से जुड़ी रिपोर्टें प्रकाशित की हैं।
- भाजपा नेताओं के बयानों का सार
- भाजपा के स्थानीय नेताओं (राज्य मंत्री/नेतृत्व) ने पोस्टर के साथ कांग्रेस पर कड़ी टिप्पणी की — केदार कश्यप/कश्यप-समर्थक नेताओं ने कांग्रेस पर पुराने घोटालों, एनजीओ/फंड गड़बड़ियों और वोट/संसाधन की चोरी के आरोप दोहराए और कहा कि कांग्रेस “वोट चोरी” का आरोप लगाने का अधिकार नहीं रखती, क्योंकि उनके समय में कथित दुरुपयोग
- कांग्रेस की प्रतिक्रिया और राजनीतिक परिदृश्य
- कांग्रेस ने अक्सर कहा है कि गिरफ्तारियाँ/जांचें केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक उपयोग की मिसाल हैं; चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने प्रदर्शन, सड़कों पर दबाव और विधानसभा में बहिष्कार जैसे कदम उठाये। भाजपा इसे कानून के जरिए जवाबी कार्रवाई और भ्रष्टाचार-उभार का उदाहरण बता रही है — दोनों तरफ तनाव और आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।
- राजनीतिक मायने — क्या असर पड़ेगा?
- पोस्टर-वॉर का सीधा उद्देश्य: जनता के बीच तेज संदेश देना और विपक्ष के ‘वोट चोरी’ वाले नैरेटिव को कमजोर करना।
- वास्तविक असर यह तय करेगा कि आगे ED/CBI/स्थानिक जांचों से क्या सबूत निकलते हैं, कांग्रेस के अभियान की जमीन कितनी मजबूती से बनी रहती है और मीडिया/सोशल-मीडिया पर कौन-सा संदेश ज़्यादा फैलता है। (न्यायिक/कानूनी अपडेट और स्थानीय रिएक्शन्स पर नज़र रखना अहम रहेगा)।
आगे क्या देखें (What to watch)
- ED / EOW / CBI की अगली कार्रवाइयाँ — अगर कोई नया चार्जशीट/FIR/प्रॉपर्टी अटैचमेंट आए तो ये मामले और गरम होंगे।
- कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ अभियान — रैलियाँ, हस्ताक्षर मुहिम और स्थानीय संगठनात्मक गतिविधियाँ।
- स्थानीय चुनावी माहौल और मीडिया-नैरेटिव — पोस्टर कितनी दूर तक वायरल होता है और जनता पर उसका असर कैसा रहता है।

