देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में बिहार के मतदाताओं से खास अपील की। उन्होंने कहा —
“जैसे हम अपने पर्व-त्योहार, खासकर लोक आस्था के महापर्व छठ को पूरे उत्साह से मनाते हैं, वैसे ही बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान को भी एक उत्सव की तरह मनाएं।”

ज्ञानेश कुमार ने यह स्पष्ट किया कि मतदान की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन यह जरूर तय है कि 22 नवंबर से पहले चुनाव की पूरी प्रक्रिया संपन्न करा ली जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जवाब दिए। उन्होंने कहा —
“जो प्रत्याशी चुनाव मैदान में हों, वे अपने पोलिंग एजेंट्स अवश्य दें और मॉक पोल अपनी आंखों के सामने देखें। मतदान खत्म होने के बाद पोलिंग एजेंट्स को फॉर्म 17सी लेना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि जिन मकानों को नगर निगम ने नंबर नहीं दिए हैं, वहां मतदाता सूची में एक ही घर के कई नंबर दर्ज हो सकते हैं। यह एक तकनीकी पहचान का तरीका है, जिससे मतदाता चिन्हित किए जाते हैं।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार के SIR में दावा-आपत्ति का पूरा अवसर दिया गया है।
“हर राजनीतिक दल ने अपने बूथ लेवल एजेंट्स नियुक्त किए हैं। यदि किसी व्यक्ति या दल को लगता है कि योग्य मतदाता का नाम छूट गया है या अयोग्य मतदाता का नाम शामिल है, तो वे दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। उसका निपटारा ERO स्तर पर किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद पुनरीक्षण कराने की मांग का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि यह प्रक्रिया हर बार चुनाव से पहले ही की जाती है।
