छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित “शराब घोटाला” (Liquor Scam) मामले से जुड़ा अहम अपडेट है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को लेकर हालिया न्यायिक और जांचगत प्रगति हुई है। नीचे पूरी घटना का विस्तृत विश्लेषण, कानूनी स्थिति, जांच एजेंसियों की कार्यवाही, और अब तक की पूरी टाइमलाइन दी जा रही है — ताकि आप इसे रिपोर्ट, आर्टिकल या स्क्रिप्ट में सीधे उपयोग कर सकें।

🔹 मामले की पृष्ठभूमि : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला
यह मामला राज्य के इतिहास के सबसे बड़े कथित शराब सिंडिकेट घोटाले से जुड़ा है, जिसे पहले एसीबी-ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) ने दर्ज किया था और बाद में ईडी (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत जांच शुरू की।
⚙️ आरोपों का मूल स्वरूप
- आरोप है कि राज्य में शराब की खरीद, वितरण और बिक्री से जुड़े नेटवर्क ने नकली, घटिया या ओवरइनवॉयस्ड शराब की आपूर्ति कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया।
- इस सिस्टम में सरकारी अधिकारी, निजी ठेकेदार, और कथित तौर पर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त “शराब सिंडिकेट” के सदस्य शामिल बताए गए हैं।
- जांच में सामने आया कि शराब की बिक्री और आपूर्ति के ठेकों से लगभग ₹2,500 करोड़ की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) अलग-अलग माध्यमों से लाभार्थियों तक पहुंचाई गई।
🔹 ईडी की कार्रवाई : गिरफ्तारी से रिमांड तक
🗓️ 18 जुलाई 2025 – गिरफ्तारी का दिन
- ईडी ने चैतन्य बघेल (पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पुत्र) को उनके जन्मदिन के दिन भिलाई निवास से गिरफ्तार किया।
- गिरफ्तारी PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002) के तहत की गई।
- ईडी का कहना है कि चैतन्य ने “शराब सिंडिकेट” से नकदी लेकर उसे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के माध्यम से धन शोधन (Money Laundering) किया।
🧾 ईडी की जांच में क्या पाया गया
- जांच में सामने आया कि चैतन्य बघेल को ₹16.70 करोड़ नकद “शराब घोटाले” से मिले थे।
- यह राशि उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए घुमाई —
- ठेकेदारों को नकद भुगतान,
- बैंक प्रविष्टियों में नकदी के रूप में निवेश,
- और त्रिलोक सिंह ढिल्लों (Liquor Syndicate के प्रमुख) के साथ मिलकर शेल कंपनियों के जरिए लेन-देन किया।
- एक “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फर्जी खरीदारों के नाम पर ₹5 करोड़ की एंट्रीज़ की गईं ताकि वास्तविक ट्रांजैक्शन छिपाया जा सके।
- बैंकिंग ट्रेल से पुष्टि हुई कि संबंधित अवधि में ढिल्लों के खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान हुए थे।
🔹 13 दिन की EOW रिमांड और कोर्ट पेशी
- ईडी की गिरफ्तारी के बाद चैतन्य बघेल को EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने अपनी जांच के लिए 13 दिन की रिमांड पर लिया था।
- 6 अक्टूबर 2025 को उनकी रिमांड अवधि समाप्त होने पर, उन्हें रायपुर स्थित विशेष ACB-EOW कोर्ट में पेश किया गया।
- इसी दिन कस्टम मिलिंग घोटाले से जुड़े आरोपी दीपेन चावड़ा को भी कोर्ट में पेश किया गया।
- कोर्ट ने दोनों मामलों में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट पर आगे के आदेश सुरक्षित रखे हैं (अर्थात आगे की सुनवाई में निर्णय होगा कि न्यायिक हिरासत या आगे रिमांड बढ़ेगी या नहीं)।
🔹 मामले में पहले से गिरफ्तार प्रमुख चेहरे
अब तक ईडी ने इस घोटाले में कई बड़े नाम गिरफ्तार किए हैं —
| क्रम | नाम | पद / पहचान | स्थिति |
|---|---|---|---|
| 1️⃣ | अनिल टुटेजा | पूर्व IAS अधिकारी | ईडी की गिरफ्त में |
| 2️⃣ | अरविंद सिंह | IAS अधिकारी | गिरफ्तार |
| 3️⃣ | त्रिलोक सिंह ढिल्लों | शराब सिंडिकेट का कथित मास्टरमाइंड | गिरफ्तार |
| 4️⃣ | अनवर ढेबर | रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई | गिरफ्तार |
| 5️⃣ | अरुण पति त्रिपाठी (ITS) | एक्साइज कमिश्नर रहे अधिकारी | गिरफ्तार |
| 6️⃣ | कवासी लखमा | पूर्व मंत्री, वर्तमान कांग्रेस विधायक | गिरफ्तार |
| 7️⃣ | चैतन्य बघेल | पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र | ईडी व EOW जांचाधीन |
🔹 राजनीतिक पहलू और प्रतिक्रियाएँ
- कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, जबकि
भाजपा का कहना है कि “भ्रष्टाचार का हिसाब अब मिल रहा है”। - ईडी के पास मिले दस्तावेज़ों में कई ठेकेदारों, शराब वितरकों और बिचौलियों के नाम सामने आए हैं, जिन पर आगे कार्रवाई की संभावना है।
- ईडी ने अब तक कई प्रॉपर्टी, बैंक खाते, और नकद जब्तियां भी की हैं।
🔹 आगे की दिशा — अब क्या होगा
- कोर्ट में पेशी के बाद अब तय होगा कि चैतन्य बघेल को न्यायिक हिरासत (जेल भेजना) या आगे रिमांड पर रखा जाएगा।
- ईडी की चार्जशीट (prosecution complaint) जल्द दाखिल होने की संभावना है।
- यदि जांच में और नए वित्तीय ट्रेल्स मिलते हैं तो PMLA की सेक्शन 3, 4, 19, 45 के तहत लंबी सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होगी।
🔹 सारांश (Summary)
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| मामला | छत्तीसगढ़ शराब घोटाला (₹2500 करोड़ का कथित घोटाला) |
| मुख्य आरोपी | चैतन्य बघेल (पूर्व CM का पुत्र), अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लों आदि |
| गिरफ्तारी तिथि | 18 जुलाई 2025 (ईडी द्वारा) |
| जांच एजेंसी | ईडी (ED) और एसीबी-ईओडब्ल्यू |
| मुख्य आरोप | शराब कारोबार से अवैध कमाई को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाकर मनी लॉन्ड्रिंग |
| वर्तमान स्थिति | 13 दिन की रिमांड समाप्त, कोर्ट में पेशी; आगे की कार्यवाही जारी |
