स्पेस टेक स्टार्टअप GalaxEye 2026 में “Mission Drishti” नामक मल्टी-सेंसर अर्थ ऑब्ज़र्वेशन (EO) सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है।
GalaxEye और Mission Drishti — परिचय
- GalaxEye एक Bengaluru स्थित स्पेस-टेक स्टार्टअप है, जिसे 2021 (या 2020) में IIT Madras से प्रेरित होकर बनाया गया।
- इसका उद्देश्य है multi-sensor Earth Observation (EO) सैटेलाइट बनाना, जो ऑप्टिकल (मल्टी-स्पेक्ट्रल) और SAR (Synthetic Aperture Radar) डेटा को same platform पर fuse कर सके।
- उनका पहला मिशन है Mission Drishti — यह वही सैटेलाइट है, जिसे GalaxEye “SyncFusion” तकनीक के साथ विकसित कर रहा है।
- Mission Drishti की विशेषता यह है कि यह सिंक्रोनाइज़्ड ऑप्टिकल + SAR इमेजिंग प्रदान करेगा — यानी, वह दिन हो या रात, बादल हों या साफ़ मौसम — यह अधिक स्थिर, भरोसेमंद इमेज देगा।

🛠️ तकनीकी विवरण
नीचे कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी पहलुओं की जानकारी है:
| तकनीकी घटक | विवरण / विशेषता |
|---|---|
| संवेदनशीलता (Resolution / Spatial Accuracy) | Mission Drishti ~ 1.25 मीटर (approx) की रेज़ॉल्यूशन देगा। |
| डेटा फ्यूज़न (Fusion) | ऑप्टिकल + SAR डेटा को रीयल-टाइम या निकट-रीयल-टाइम में मिलाना ताकि दोनों प्रकार की क्षमताएँ (उदाहरण: दृश्य स्पष्टता + बादलों से पार होने की क्षमता) मिल सकें। |
| AI / प्रसंस्करण ऑन-बोर्ड (Edge Computing) | GalaxEye का दावा है कि वह सैटेलाइट पर ही डेटा प्रोसेसिंग (Edge Computing) कर सकेगा, जिससे डाउनलोड किए जाने वाले बड़े डेटा को कम किया जा सकेगा। |
| उपग्रह वजन / आकार | मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया कि Drishti ~160 kg का होगा। |
| उपग्रह संवेदनशीलता / मजबूती परीक्षण | GalaxEye ने पहले ड्रोन और हाई एल्टीट्यूड परीक्षण किए हैं। इसके अतिरिक्त, उनके SyncFusion प्रणाली को ISRO / POEM प्लेटफार्म पर परीक्षण किया गया है। |
| लॉन्च और साझेदार | Drishti को SpaceX रॉकेट से लॉन्च करने की योजना है। GalaxEye ने Impulso.Space के साथ साझेदारी की है ताकि लॉन्च और अन्य लॉजिस्टिक क्षमताएँ मजबूत हो सकें। |
| भविष्य की योजनाएँ / अगले सैटेलाइट | GalaxEye अपनी दूसरी सैटेलाइट विकसित कर रही है, जिसका रेज़ॉल्यूशन करीब 0.5 मीटर होगा और revisit time (दोबारा एक ही जगह से निरीक्षण) 3 दिनों से कम होगा। |
🎯 उपयोग, महत्व और चुनौतियाँ
उपयोग (Applications / Use Cases)
- कृषि और फसल निगरानी — द्रव्यमान डेटा, नमी, विकास पैटर्न आदि।
- आपदा प्रबंधन — बाढ़, भूकंप, चक्रवात आदि के समय त्वरित वास्तविक समय सूचना।
- सुरक्षा और रक्षा — सीमाएँ, निगरानी, घुसपैठ आदि।
- शहरी नियोजन / बुनियादी संरचना — शहर के विस्तार, सड़कों, निर्माण गतिविधियों का विश्लेषण।
- समुद्री निगरानी / जलमार्ग — जहाजों की गतिविधियाँ, तटीय इलाकों की निगरानी।
महत्व (Strategic Importance)
- भारत की निजी स्पेस टेक्नोलॉजी में एक महत्वपूर्ण कदम — क्योंकि इससे भारत को विदेशी सैटेलाइट डेटा पर निर्भरता कम हो सकती है।
- लगातार, विश्वसनीय डेटा जो बादल / रात / खराब मौसम में भी उपलब्ध हो — पारंपरिक ऑप्टिकल सैटेलाइट्स की सीमा पार करना।
- जल्दी प्रतिक्रिया समय — एजेंसीज़ और सरकार को समय पर निर्णय लेने में मदद।
- निर्यात अवसर — अन्य देशों को EO डेटा और सेवाएँ बेचना।
चुनौतियाँ / जोखिम
- तकनीकी जटिलता — ऑप्टिकल और SAR डेटा को सिंक्रोनाइज़ करना आसान नहीं है, विशेषकर समय, ऊर्जा, सिग्नल समन्वय आदि।
- डेटा संसाधन और बैंडविड्थ — बड़े डेटा को डाउनलोड करना और संसाधित करना।
- लॉन्च असफलता का जोखिम — रॉकेट विफलता, लॉन्च देरी आदि।
- अनुमोदन / नियामक बाधाएँ — स्पेस नीति, अंतरिक्ष अनुज्ञापन, INSAT / ISRO नीतियाँ।
- प्रत्येक उपग्रह की आयु और रख-रखाव — यह सुनिश्चित करना कि उपग्रह दीर्घकाल तक काम कर सके।
📰 लेटेस्ट अपडेट्स
- GalaxEye ने पुष्टि की है कि Drishti लॉन्च 2026 की पहली तिमाही में होगा, और यह SpaceX रॉकेट पर जाएगा।
- Drishti को ~160 kg उपग्रह के रूप में बताया गया है।
- GalaxEye ने Impulso.Space के साथ साझेदारी की है, जिससे लॉन्च सहायता और वैश्विक
- GalaxEye अपनी दूसरी सैटेलाइट बनाने की योजना में है, जिसमें ~0.5 m रेज़ॉल्यूशन और बेहतर revisit time होगा।
