📈 1️⃣ बाजार की मौजूदा स्थिति – झटका के बाद जबरदस्त वापसी
मंगलवार (14 अक्टूबर) को बाजार में तेज गिरावट देखी गई थी —
👉 सेंसेक्स 297 अंक टूटा था और निफ्टी 82 अंक गिरा था।
👉 लगभग सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए थे।
लेकिन बुधवार (15 अक्टूबर) को माहौल पूरी तरह बदल गया —
🌟 सेंसेक्स 336.67 अंक (0.41%) चढ़कर 82,366.65 पर बंद हुआ।
🌟 निफ्टी 110.40 अंक (0.44%) बढ़कर 25,255.90 पर पहुंच गया।
👉 यानी एक ही दिन में निवेशकों का भरोसा फिर लौट आया।
सेंसेक्स के 30 में से 25 शेयरों में तेजी रही।
मुख्य गेनर रहे —
- बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, एलएंडटी
गिरावट वाले शेयर — - टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक
💹 2️⃣ कौन से सेक्टर रहे मजबूत?
NSE के सेक्टरवार इंडेक्स में तेजी साफ दिखी:
- आईटी सेक्टर – इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल में रिकवरी
- बैंकिंग सेक्टर – HDFC बैंक और ICICI बैंक में हल्की मजबूती
- रियल एस्टेट सेक्टर – DLF, गोदरेज प्रॉपर्टीज में खरीदारी
➡️ ये तीनों सेक्टर मिलकर बाजार के लिए आधार बने, जिससे सेंसेक्स-निफ्टी को बाउंस मिला।
🌏 3️⃣ वैश्विक संकेत – अमेरिका ने दी राहत, एशिया में तेजी
वैश्विक बाजारों का रुख भी भारत के लिए सहायक साबित हुआ।
🔸 एशियाई बाजार:
- कोरिया का KOSPI 👉 1.83% उछला
- जापान का निक्केई 👉 1.31% ऊपर
- हांगकांग का हैंगसेंग 👉 1.10% की मजबूती
- चीन का शंघाई कंपोजिट 👉 0.06% की हल्की गिरावट
🔸 अमेरिकी बाजार:
- Dow Jones 👉 0.44% चढ़कर 46,270 पर
- NASDAQ 👉 0.76% गिरा (टेक स्टॉक्स में दबाव)
- S&P 500 👉 0.16% नीचे
👉 नतीजा: अमेरिका में गिरावट मामूली रही, और एशियाई बाजारों की तेजी से भारतीय बाजार को “सकारात्मक संकेत” मिला।

💰 4️⃣ FII-DII डेटा ने दी दिशा
सबसे दिलचस्प पहलू रहा विदेशी (FII) और घरेलू (DII) निवेशकों का रुख।
| तारीख | FII लेनदेन | DII लेनदेन |
|---|---|---|
| 14 अक्टूबर | ₹1,508.53 करोड़ की बिकवाली | ₹3,661.13 करोड़ की खरीदारी |
| अक्टूबर (अब तक) | ₹1,961.67 करोड़ की नेट बिकवाली | ₹17,791.56 करोड़ की नेट खरीदारी |
| सितंबर | ₹35,301.36 करोड़ की बिकवाली | ₹65,343.59 करोड़ की खरीदारी |
➡️ इसका मतलब साफ है — विदेशी निवेशक भले ही सतर्क हैं, लेकिन घरेलू निवेशकों का भरोसा बरकरार है।
DII की मजबूत खरीदारी ने बाजार को गिरने से बचा लिया।
⚙️ 5️⃣ उछाल के पीछे प्रमुख कारण
- DII की आक्रामक खरीदारी:
– म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों ने भारी मात्रा में खरीदारी की। - आईटी और एनर्जी सेक्टर में रिकवरी:
– डॉलर की स्थिरता से आईटी कंपनियों को राहत मिली। - अमेरिका में मुद्रास्फीति के धीमे संकेत:
– अमेरिकी CPI डेटा उम्मीद से बेहतर रहा, जिससे ब्याज दरों पर राहत की उम्मीद जगी। - तेल की कीमतों में नरमी:
– ब्रेंट क्रूड $82 प्रति बैरल के आसपास रहा, जिससे भारत जैसे तेल आयातक देश को फायदा हुआ। - गिरावट के बाद टेक्निकल रिकवरी:
– पिछले दिन की गिरावट ने शॉर्ट-टर्म निवेशकों के लिए “Buy on Dips” का मौका दिया।
🔍 6️⃣ क्या यह Bull Run की शुरुआत है?
विश्लेषकों की राय अभी सतर्क आशावादी है।
- अगर सेंसेक्स 82,500–83,000 के ऊपर बंद होता है, तो यह “नया अपट्रेंड” माना जा सकता है।
- निफ्टी के लिए 25,300–25,500 का रेंज निर्णायक रहेगा।
- अक्टूबर के अंत तक कंपनियों के Q2 नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे।
📊 मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार:
“DII की लगातार खरीदारी और वैश्विक स्थिरता से भारतीय बाजार मध्यम अवधि में बुलिश रह सकता है, हालांकि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव जारी रहेंगे।”
🧭 7️⃣ आगे क्या देखना होगा?
आने वाले दिनों में निवेशकों को इन 3 चीज़ों पर नज़र रखनी चाहिए 👇
- कंपनियों के तिमाही नतीजे (Q2 Earnings)
- क्रूड ऑयल की वैश्विक कीमतें
- अमेरिकी फेड और RBI के ब्याज दर संकेत
🪙 निष्कर्ष
बाजार ने एक दिन की गिरावट के बाद फिर से भरोसे की वापसी दिखाई है।
हालांकि इसे फिलहाल “शॉर्ट टर्म रिकवरी” कहा जा सकता है, लेकिन
- घरेलू निवेशकों की मजबूत भागीदारी,
- स्थिर वैश्विक संकेत,
- और कंपनियों के अच्छे नतीजे आने की उम्मीदें
यह संकेत दे रही हैं कि भारत का बाजार अभी मजबूत नींव पर खड़ा है।
