राज्यपाल रमेन डेका का दीपावली संदेश: एकता, सद्भाव और पर्यावरण संरक्षण का आह्वान
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने दीपों के पंचपर्व — धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज — के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारी संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक मूल्यों का जीवंत प्रतीक है, जो एकता और सकारात्मकता का संदेश देता है।

🌟 दीपावली का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा —
“दीपावली का पर्व हमारी समृद्ध और वैभवशाली भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।
यह त्यौहार समाज में एकता, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देता है।”
उन्होंने आगे कहा कि दीपों की रोशनी केवल घरों को ही नहीं, बल्कि हमारे मन और समाज को भी प्रकाशित करती है।
“दीपों की उज्ज्वल ज्योति हमारे जीवन से अज्ञान, अंधकार और नकारात्मकता को मिटाकर
ज्ञान, आनंद और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करे।”
🌿 पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारी पर बल
राज्यपाल श्री डेका ने अपने संदेश में लोगों से पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से दीपावली मनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि हमें इस पर्व को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और सामाजिक समरसता के साथ जोड़ना चाहिए।
उनके शब्दों में —
“हम सभी इस पर्व पर यह संकल्प लें कि हम
- पर्यावरण की रक्षा करेंगे,
- अपने आसपास की स्वच्छता बनाए रखेंगे,
- और समाज में आपसी सद्भाव व समरसता को मजबूत करेंगे।”
इस तरह उन्होंने लोगों से “ग्रीन और क्लीन दीपावली” मनाने का आग्रह किया।
🙏 शुभकामनाओं में जनकल्याण की भावना
राज्यपाल ने प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए कहा —
“दीपों के इस पावन पर्व से सभी के जीवन में खुशहाली, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रकाश फैले।
यह पर्व हर घर में आशा और उत्साह की नई किरण लेकर आए।”
उन्होंने यह भी कहा कि दीपावली केवल दीयों का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है।
🪔 संदेश का सार
राज्यपाल रमेन डेका का संदेश तीन प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित रहा —
- संस्कृति और सद्भावना: दीपावली हमारी परंपरा, एकता और भाईचारे की मिसाल है।
- सकारात्मक ऊर्जा: दीपों की रोशनी ज्ञान और खुशहाली का संदेश देती है।
- जिम्मेदारी और पर्यावरण संरक्षण: स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-हितैषी तरीके से त्यौहार मनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
