बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (GGU) में एक छात्र के निष्कासन (expulsion) के बाद NSUI द्वारा किए गए विरोध-प्रदर्शन से जुड़ा है।
यह मामला अब न केवल छात्र राजनीति, बल्कि राज्यस्तरीय राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है।
आइए इसे विस्तार से और क्रमवार समझते हैं 👇
🎓 मामले की पृष्ठभूमि (Background)
- स्थान: गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बिलासपुर
- घटना की शुरुआत: विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र सुदीप शास्त्री को निष्कासित (expel) कर दिया।
- कारण (संभावित):
हालांकि आधिकारिक कारण स्पष्ट रूप से जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार,
सुदीप शास्त्री पर अनुशासनहीनता या विश्वविद्यालय की आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप था।
NSUI (National Students’ Union of India) का आरोप है कि यह कार्रवाई राजनीतिक द्वेष के चलते की गई है।

🔥 विवाद का बढ़ना (Protest and Escalation)
- शुक्रवार रात, NSUI नेताओं और छात्रों ने कुलपति निवास के सामने
धरना और प्रदर्शन किया। - प्रदर्शन के दौरान जोरदार नारेबाज़ी, हंगामा, और आक्रोशपूर्ण भाषण हुए।
🗣️ विधायक अटल श्रीवास्तव का बयान
- प्रदर्शन में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव (कांग्रेस) भी शामिल हुए।
- उन्होंने कहा — “ढाई साल बाद सरकार बदलेगी, न तब गुजरात से कब्र से निकालकर कुलपति को लेकर आएंगे।”
यह टिप्पणी बेहद विवादास्पद और उत्तेजक मानी जा रही है,
क्योंकि इसमें राजनीतिक और व्यक्तिगत टिप्पणी दोनों शामिल हैं।
🚨 NSUI नेताओं के बयान और चेतावनी
- NSUI नेताओं ने कुलपति के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि — “कुलपति को चड्डी पहनाकर घुमाएंगे।”
यह बयान सामाजिक मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हो गया है और इसकी निंदा भी की जा रही है। - उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि — “यदि सुदीप शास्त्री का निष्कासन वापस नहीं लिया गया,
तो 4 नवंबर को प्रदेश का सबसे बड़ा आंदोलन विश्वविद्यालय परिसर में होगा।” - साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में चल रही भर्ती प्रक्रियाओं में गड़बड़ी की जांच की बात भी कही।
🏫 विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई
- प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
- शिकायत में कहा गया कि प्रदर्शन के दौरान:
- कुलपति निवास के सामने अव्यवस्था फैलाई गई,
- अनुचित नारे लगाए गए,
- और विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई।
👮♂️ पुलिस कार्रवाई (FIR Details)
- पुलिस ने शिकायत पर कोनी थाने में FIR दर्ज की है।
- नामजद आरोपियों के नाम:
- नीरज पांडे
- लक्की मिश्रा
- सुदीप शास्त्री (निष्कासित छात्र)
- सार्थक मिश्रा
- इसके अतिरिक्त, 30 अज्ञात व्यक्तियों पर भी केस दर्ज किया गया है।
संभावित धाराएँ:
(हालांकि रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं है, लेकिन इस तरह के मामलों में सामान्यतः)
IPC की निम्न धाराएँ लगाई जा सकती हैं —
- धारा 143, 147, 149 (गैरकानूनी जमाव और दंगा)
- धारा 294 (अशोभनीय भाषा का प्रयोग)
- धारा 506 (धमकी देना)
- धारा 186 (सरकारी कार्य में बाधा डालना)
📰 वर्तमान स्थिति
- पुलिस ने कहा है कि वे वीडियो फुटेज और साक्ष्यों की जांच कर रहे हैं।
- नामजद और अन्य संदिग्धों को नोटिस जारी किए जा सकते हैं।
- NSUI ने कहा है कि यह कार्रवाई छात्र आवाज दबाने का प्रयास है और
वे कानूनी और आंदोलन दोनों स्तरों पर लड़ाई जारी रखेंगे।
⚖️ राजनीतिक प्रभाव
- यह मामला अब राज्यस्तरीय राजनीति का विषय बन गया है, क्योंकि:
- इसमें विधायक अटल श्रीवास्तव सीधे शामिल हैं,
- NSUI (कांग्रेस छात्र संगठन) बनाम विश्वविद्यालय प्रशासन (केंद्र सरकार के अधीन)
- बयानबाज़ी से राजनीतिक ध्रुवीकरण भी बढ़ा है।
- बीजेपी समर्थक संगठनों ने अटल श्रीवास्तव के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है
और इसे “अनुचित और असंवैधानिक” कहा है।
🧩 संक्षेप में सारांश
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| घटना स्थल | गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर |
| विवाद का कारण | छात्र सुदीप शास्त्री का निष्कासन |
| विरोध करने वाला संगठन | NSUI |
| प्रमुख राजनीतिक हस्ती | विधायक अटल श्रीवास्तव (कांग्रेस) |
| पुलिस मामला | कोनी थाने में दर्ज |
| नामजद आरोपी | नीरज पांडे, लक्की मिश्रा, सुदीप शास्त्री, सार्थक मिश्रा |
| अज्ञात आरोपी | लगभग 30 |
| अगला आंदोलन | 4 नवंबर को प्रस्तावित |
| मुख्य मांग | निष्कासित छात्र की वापसी और भर्ती गड़बड़ी की जांच |
