1. गिरावट की पृष्ठभूमि: त्योहारी उछाल के बाद ठंडक
- दिवाली और दशहरा जैसे त्योहारों से पहले सोना अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर (₹1.27 लाख/10 ग्राम के करीब) तक पहुंच गया था।
- इस दौरान ज्वेलरी शॉप्स में भारी मांग, विवाह सीजन की खरीदारी और निवेशकों की दिलचस्पी ने दाम को ऊपर धकेला।
- लेकिन जैसे ही त्योहार खत्म हुए, डिमांड घट गई, और बाजार में प्रॉफिट बुकिंग (मुनाफा निकालना) शुरू हो गया।
- इसका सीधा असर — दाम में तेजी से ठंडक।
💵 2. डॉलर की मजबूती (Strong Dollar Effect)
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना डॉलर में ही ट्रेड होता है।
- जब अमेरिकी डॉलर मजबूत होता है, तो बाकी मुद्राओं में सोना महंगा हो जाता है, जिससे खरीदारी घटती है।
- हाल के हफ्तों में US Dollar Index 106 के पार चला गया है — यानी डॉलर अन्य मुद्राओं के मुकाबले मजबूत है।
- नतीजा: गोल्ड की अंतरराष्ट्रीय कीमत नीचे।

📉 उदाहरण:
3 हफ्ते पहले सोना 2,610 USD/oz था,
अब यह लगभग 2,490 USD/oz पर है — यानी करीब 4.5% की गिरावट।
🇺🇸🇨🇳 3. अमेरिका-चीन तनाव में कमी
- जब दुनिया में तनाव या अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक “सेफ हेवन” यानी Gold में पैसा लगाते हैं।
- लेकिन अभी अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक बातचीत और स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं।
- इससे रिस्क सेंटिमेंट (जोखिम लेने की इच्छा) बढ़ी है और निवेशक शेयर मार्केट व बॉन्ड्स की ओर जा रहे हैं।
💰 4. मुनाफाखोरी (Profit Booking) और Panic Selling
- सोने की कीमतें जब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचीं, तब कई बड़े और छोटे निवेशकों ने अपना सोना बेचकर मुनाफा लिया।
- इससे बाजार में Supply बढ़ गई, और स्वाभाविक रूप से Demand कम, यानी भाव नीचे।
- साथ ही, कुछ निवेशक यह सोचकर भी बेचने लगे कि “अब दाम और गिरेंगे” — यह “Panic Selling” कहलाता है।
⚙️ 5. भारत में स्थानीय कारण
- भारतीय रुपये की स्थिरता (₹83.12/USD के आसपास) और
- सोने की आयात मांग घटने से भी कीमत पर दबाव है।
- त्योहारों के बाद गोल्ड ज्वेलर्स की बुकिंग्स कम हो गई हैं, इसलिए ट्रेडिंग वॉल्यूम घट गया।
🪙 6. चांदी पर भी असर
| बाज़ार | पहले का भाव | मौजूदा भाव | गिरावट |
|---|---|---|---|
| अंतरराष्ट्रीय (Dec Delivery) | $48.70/oz | $48.19/oz | ↓ 1.06% |
| भारत | ₹1,60,000/kg | ₹1,54,900/kg | ↓ ~₹5,000/kg |
चांदी में यह गिरावट इसलिए भी आई क्योंकि यह इंडस्ट्रियल मेटल है — और फैक्ट्री आउटपुट व मांग में ठहराव का असर पड़ा।
📊 7. क्या यह खरीदारी का समय है? (Investment View)
🔸 पहला मत: अल्पकालिक गिरावट
- कुछ विश्लेषक (जैसे Motilal Oswal, ICICI Securities) का मानना है कि यह गिरावट Short Term Correction है।
- जैसे ही डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड कमजोर होंगे, सोना फिर ऊपर जाएगा।
- उनका अनुमान है कि 2026 की शुरुआत तक कीमतें फिर से ₹1.28–1.30 लाख/10 ग्राम तक जा सकती हैं।
🔸 दूसरा मत: स्थिरता या मामूली गिरावट
- Edelweiss और HDFC Securities के विशेषज्ञों का कहना है कि “Global Economy में सुधार और स्टॉक मार्केट में तेजी के कारण
निवेशक गोल्ड की बजाय इक्विटीज में पैसा लगा रहे हैं।” - यानी आने वाले महीनों में गोल्ड स्थिर या हल्का नीचे रह सकता है (₹1.20–1.23 लाख के बीच)।
💎 8. प्रमुख शहरों में सोने का ताजा भाव (25 अक्टूबर 2025)
| शहर | 24 कैरेट (₹/10 ग्राम) | 22 कैरेट (₹/10 ग्राम) |
|---|---|---|
| दिल्ली | ₹1,24,510 | ₹1,14,140 |
| मुंबई | ₹1,24,360 | ₹1,13,990 |
| भोपाल | ₹1,24,410 | ₹1,14,040 |
| चेन्नई | ₹1,24,360 | ₹1,13,990 |
| हैदराबाद | ₹1,24,360 | ₹1,13,990 |
| अहमदाबाद | ₹1,24,410 | ₹1,13,990 |
| कोलकाता | ₹1,24,510 | ₹1,13,990 |
| आगरा | ₹1,24,510 | ₹1,14,140 |
(स्रोत: इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन – IBJA)
🧭 9. आगे का अनुमान (Outlook 2025–26)
| अवधि | अनुमानित ट्रेंड | संभावित कारण |
|---|---|---|
| नवंबर 2025 | हल्की गिरावट या स्थिरता | डॉलर मजबूत, डिमांड घटती |
| दिसंबर 2025 | धीरे-धीरे रिकवरी | वर्षांत निवेश रुझान |
| जनवरी–मार्च 2026 | तेजी की संभावना | शादी सीजन, भू-राजनीतिक कारक |
🔚 निष्कर्ष
✨ सोने की गिरावट “रहस्यमयी” जरूर दिख रही है,
लेकिन असल में यह वैश्विक आर्थिक संकेतों, डॉलर की मजबूती, और स्थानीय मुनाफाखोरी का मिश्रित परिणाम है।
फिलहाल यह शॉर्ट-टर्म करेक्शन लग रहा है,
और लंबे निवेशकों के लिए यह धीरे-धीरे खरीदारी (Accumulation) का अवसर बन सकता है।
