चक्रवाती तूफान “मोंथा (Montha)” ने बंगाल की खाड़ी में दम दिखाया और तटीय आंध्र/ओडिशा पर पहुँचने के बाद कमजोर होकर उत्तर-उत्तरपश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। अब यह सिस्टम दक्षिण-छत्तीसगढ़/तेलंगाना/आंध्रप्रदेश होते हुए डीप्रेशन/डीप-डीप्रेशन में बदल रहा है — जिससे छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में आज/आने वाले 1–2 दिनों में हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश, गरज-चमक और तेज़ हवाएँ होने की सम्भावना है।
रायपुर ….
- आकस्मिक स्थिति: राजधानी रायपुर में आज आमतौर पर बादल छाए रहने की सम्भावना है और हल्की से मध्यम वर्षा/छिटकियाँ हो सकती हैं। मौसम का मिज़ाज बदलता रहेगा।
- तापमान: आज के बीच तापमान लगभग 23°C (निचला) से 31°C (ऊपरी) के आसपास बने रहने का अनुमान है (आपने जो रेंज दी है, वह भी अपेक्षित है और मौसम सर्विसेज़ भी उसी के अनुरूप रिपोर्ट कर रही हैं)।
- हवा: मध्य/दक्षिणी हिस्सों में लगभग ~20 km/h की हवा चलने का अनुमान दिया गया है; कभी-कभी तेज़ हवा या हवा के झोंके महसूस हो सकते हैं।

बिलासपुर और सरगुजा संभाग — क्या उम्मीद रखें
- इन संभागों में आज झमाझम बारिश (कभी-कभी मध्यम से भारी) होने की सम्भावना जताई जा रही है। कुछ जगहों पर तेज़ बरसात के साथ वज्रपात (आकाशीय बिजली) और तेज़ हवाएँ भी हो सकती हैं — इसलिए स्थानीय जलजमाव/नाले और तेज़ बहाव का ध्यान रखें.
चक्रवात का रूट और वर्तमान स्थिति (क्यों बारिश हो रही है?)
- मोंथा बंगाल की खाड़ी में बना और तट के पास पहुँच कर कमजोर होने लगा; अब उसका केन्द्र उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ रहा है और यह प्रणाली धीरे-धीरे डीप्रेशन/गहरे अवसाद में बदल रही है — ऐसे सिस्टम सूखे इलाकों की ओर बढ़ते समय भी भारी मानसूनी गतिविधियाँ फैलाते हैं (बादल, जुड़ने वाली नमी और अस्थिरता)। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के अंदर तक बादल और बरसात सक्रिय हैं।
कितने समय तक रहेगा असर? (अंदाज़)
- प्राथमिक प्रभाव आज सबसे ज़्यादा; IMD के अनुसार अगले 1–2 दिनों में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा बनी रह सकती है, उसके बाद सिस्टम और कमजोर होकर टूट जाएगा। यानी आज-कल मुख्य असर रहेगा, फिर शांति की ओर जाएगा।
संभावित प्रभाव / जोखिम (छत्तीसगढ़ के लिए)
- तेज़/मध्यम वर्षा पर निचले इलाके/नालों में बाढ़ या जलभराव, शहरों में सडक-जाम और घरों में पानी भरने का जोखिम।
- बिजली की कटौती, पेड़ गिरना या शाखाएँ टूटने, और स्थानीय यातायात में रुकावटें।
- ग्रामीण/कृषि क्षेत्रों में फसलों और खुले ढांचों (टिन की छत इत्यादि) को नुकसान पहुँचने की सम्भावना।
क्या करें — व्यवहारिक सुझाव (तुरंत अपनाएँ)
- बाहर जाते समय सावधान रहें: तेज़ बारिश/बिजली/ओवरफ्लो नालों से रोकें; जहाँ पानी बह रहा हो न चलें।
- ड्राइविंग: तेज़ पानी में गाड़ी न चलाएँ (खासकर तल्ले इलाके/नालों में)।
- बिजली और उपकरण: बिजली के झटके से बचने के लिए संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को अनप्लग करें; घर की छत/खिड़कियाँ ठीक कर लें।
- कृषक सलाह: खेतों में जहां सम्भव हो फसल की रक्षा के इंतज़ाम कर लें; हल्के पौधों/बेचें को सुरक्षित स्थान पर रखें।
- ताज़ा जानकारी: स्थानीय प्रशासन/राज्य आपदा प्रबंधन और IMD की सूचनाएँ देखें — रेड/ऑरेंज अलर्ट और रोड/रेल/फ्लाइट नोटिस के लिए।
प्रशासनिक चेतावनियाँ और हालिया घटनाएँ
- तटीय राज्यों में बड़े पैमाने पर सावधानी बरती जा रही थी, लोगों को निकाला गया और राहत शिविर बनाए गए — यह संकेत देता है कि सिस्टम ने तटीय इलाकों में गंभीर असर डाला है और इसके रिमनेंट्स अब अंदर की ओर बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के लिए IMD ने उप-विभागवार चेतावनी जारी की है (कुछ जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट)।
