छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हालिया बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने आगामी जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) और नक्सलवाद उन्मूलन से संबंधित महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं।
आइए पूरे घटनाक्रम और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को विस्तार से समझते हैं 👇
🇮🇳 जनजातीय गौरव दिवस : बिरसा मुंडा जयंती पर विशेष आयोजन
🗓️ तिथि और अवसर
- 15 नवंबर 2025 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाएगी।
- यह दिन पूरे देश में “जनजातीय गौरव दिवस” (Tribal Pride Day) के रूप में मनाया जाता है।
- केंद्र सरकार ने 2021 में इस दिवस को औपचारिक रूप से घोषित किया था ताकि देश के आदिवासी नायकों के योगदान को सम्मान दिया जा सके।

🏛️ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की घोषणा
- भाजपा प्रदेश कार्यालय में “जनजातीय गौरव दिवस कार्यशाला” आयोजित की गई।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा — “15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ में भव्य आयोजन होगा। हमने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी आमंत्रित किया है। मुझे विश्वास है कि वे कार्यक्रम में शामिल होंगी।”
🎯 कार्यक्रम का उद्देश्य
- जनजातीय समुदायों के गौरवशाली इतिहास को सामने लाना।
- भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष और बलिदान को याद करना।
- आदिवासी समाज के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
- सरकार की जनजातीय विकास योजनाओं के प्रति जन-जागरूकता फैलाना।
👑 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की संभावित उपस्थिति
- मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति को आमंत्रण भेजा गया है।
- यदि वे आती हैं, तो यह आयोजन ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण होगा क्योंकि:
- राष्ट्रपति स्वयं आदिवासी समुदाय से आती हैं।
- उनकी उपस्थिति जनजातीय समाज के लिए प्रेरणास्रोत और गौरव का प्रतीक होगी।
- यह छत्तीसगढ़ सरकार की जनजातीय केंद्रित नीतियों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में मदद करेगा।
🪶 भगवान बिरसा मुंडा का योगदान
- जन्म: 15 नवंबर 1875, स्थान: उलिहातू, झारखंड
- वे ब्रिटिश शासन और जमींदारी शोषण के खिलाफ आंदोलन के अग्रदूत थे।
- उनके नेतृत्व में “उलगुलान” (महान जनआंदोलन) चला जिसने जनजातीय अस्मिता को नई दिशा दी।
- उन्हें आदिवासी समाज में “धरती आबा” (धरती पिता) के रूप में पूजा जाता है।
- 1900 में 25 वर्ष की आयु में उनका बलिदान हुआ।
इसलिए उनकी जयंती का दिन देश के आदिवासियों के लिए सम्मान, संघर्ष और स्वाभिमान का प्रतीक है।
🚨 नक्सलवाद पर सीएम का बयान
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था —
“मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा:
“हमारी सरकार बनने के बाद लगातार सफलता मिली है। बड़े पैमाने पर नक्सलियों का आत्मसमर्पण हुआ है और कई ऑपरेशन सफल रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का लक्ष्य समय पर पूरा होगा।”
⚔️ नक्सल मोर्चे पर हालिया प्रगति (मुख्य बिंदु)
- पिछले कुछ महीनों में बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और कांकेर में कई सफल पुलिस-नक्सल मुठभेड़ें हुई हैं।
- बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
- राज्य में सुरक्षा कैंपों का विस्तार और विकास परियोजनाओं पर तेज़ी से काम हो रहा है।
- रोड कनेक्टिविटी, मोबाइल नेटवर्क, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- स्थानीय युवाओं की भर्ती से सुरक्षा बलों को स्थानीय समर्थन मिला है।
👉 इन प्रयासों को देखते हुए मुख्यमंत्री का बयान इस दिशा में विश्वास और प्रगति का संकेत देता है।
🧩 राजनीतिक और सामाजिक महत्व
- विष्णुदेव साय स्वयं जनजातीय समुदाय से आते हैं, इसलिए यह आयोजन उनकी राजनीतिक पहचान और सामाजिक जुड़ाव दोनों को मज़बूत करेगा।
- भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ में “जनजातीय सशक्तिकरण” को अपनी नीति का केंद्र बना रही है।
- बिरसा मुंडा जयंती का कार्यक्रम, राष्ट्रपति की संभावित उपस्थिति और नक्सलवाद पर नियंत्रण —
ये तीनों मिलकर भाजपा के लिए राजनैतिक रूप से सकारात्मक संदेश देंगे।
🏁 संक्षेप में
| पहलू | विवरण |
|---|---|
| आयोजन | जनजातीय गौरव दिवस |
| अवसर | भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती |
| तिथि | 15 नवंबर 2025 |
| आयोजन स्थल | राज्य स्तरीय भव्य कार्यक्रम (स्थान जल्द घोषित होगा) |
| मुख्य अतिथि | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (संभावित) |
| घोषितकर्ता | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय |
| उद्देश्य | जनजातीय गौरव, एकता और विकास को प्रोत्साहित करना |
| संबंधित मुद्दा | नक्सलवाद उन्मूलन और जनजातीय सशक्तिकरण |
| मुख्यमंत्री का बयान | “हमारी सरकार में नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं, 2026 तक नक्सलवाद खत्म होगा।” |
