देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आज पूरे देश में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद स्थित स्टैचू ऑफ यूनिटी से राष्ट्र को संबोधित करते हुए सरदार पटेल के योगदान को नमन किया और देश की एकता-अखंडता के प्रति संकल्प दोहराया।

पीएम मोदी का संबोधन:
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि —
“कांग्रेस ने कभी भी सरदार वल्लभभाई पटेल की नीतियों को नहीं माना।
यही कारण है कि भारत को विभाजन, हिंसा और खून-खराबे का दर्द झेलना पड़ा।”
उन्होंने कहा कि पटेलजी की दूरदृष्टि और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही आज भारत एक एकीकृत राष्ट्र के रूप में खड़ा है।
मोदी ने यह भी कहा कि जब तक भारत माओवाद, आतंकवाद और घुसपैठियों के खतरे से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।
प्रधानमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे सरदार पटेल के दिखाए मार्ग पर चलकर एकता, समरसता और विकास के भारत के निर्माण में योगदान दें।
भोपाल में श्रद्धांजलि और एकता संदेश
भोपाल में भाजपा प्रदेश कार्यालय और शौर्य स्मारक परिसर में सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, मंत्री राकेश सिंह, कृष्णा गौड़, धर्मेंद्र लोधी, विधायक भगवानदास सबनानी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री का संदेश सुनने के बाद कहा —
“सरदार पटेल ने इस देश को जो दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने 562 रियासतों को जोड़कर भारत को अखंड बनाया, यह उनके साहस और समर्पण का प्रमाण है।”
उन्होंने आगे कहा कि —
“भारतीय जनता पार्टी दलों से नहीं, बल्कि दिलों से जुड़ती है।
यही कारण है कि आज देश में हर राजनीतिक दल के दिवंगत प्रधानमंत्री को सम्मान देने का कार्य भाजपा के नेतृत्व ने किया है।”
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस मौके पर देशभर में ‘रन फॉर यूनिटी’ जैसे आयोजन होते हैं और युवाओं में एक भारत–श्रेष्ठ भारत का संदेश दिया जाता है।
गुजरात से लेकर भोपाल तक देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें स्कूलों, कॉलेजों, पुलिस कर्मियों और एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया।
