प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवा रायपुर में ब्रह्माकुमारी संस्थान के “शांति शिखर” रिट्रीट सेंटर (Academy for a Peaceful World) का लोकार्पण न केवल धार्मिक या आध्यात्मिक दृष्टि से, बल्कि आधुनिक भारत की सांस्कृतिक चेतना और आध्यात्मिक तकनीकी नवाचार के संगम के रूप में भी महत्वपूर्ण है।
यहाँ इस पूरे कार्यक्रम और “शांति शिखर” भवन का विस्तृत विवरण दिया गया है 👇
🌺 शांति शिखर रिट्रीट सेंटर का लोकार्पण — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम (रायपुर, 1 नवंबर 2025)
📍 स्थान
- नवा रायपुर, सेक्टर-20, छत्तीसगढ़
- “शांति शिखर – एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड” — ब्रह्माकुमारी संस्था का नया रिट्रीट सेंटर
🕉️ लोकार्पण समारोह का संक्षिप्त सार
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भव्य रिट्रीट सेंटर का लोकार्पण किया।
- कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका,
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय,
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह,
संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती,
अतिरिक्त महासचिव डॉ. राजयोगी बी.के. मृत्युंजय,
और रायपुर जोन की संचालिका बी.के. सविता उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर और पुष्प अर्पित कर भवन का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा —
“शांति शिखर का निर्माण केवल पत्थर और दीवारों का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा, सेवा भावना और मानवता की नींव पर हुआ है। यह स्थान आत्मिक जागृति और सामूहिक शांति का केंद्र बनेगा।”

🏗️ भवन का निर्माण और स्थापत्य विशेषताएँ
| पहलू | विवरण |
|---|---|
| नींव रखी गई | 15 जनवरी 2018 को, तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी बी.के. कमला के मार्गदर्शन में |
| निर्माण अवधि | लगभग 7 वर्ष (2018–2025) |
| निर्माण शैली | राजस्थानी स्थापत्य शैली – जोधपुर के पिंक स्टोन से निर्मित |
| निर्माण तकनीक | प्रेस टेंसाइल बीम तकनीक — छत्तीसगढ़ में पहली बार इस तकनीक से इमारत बनी |
| ऊँचाई और आकार | 105 फीट ऊँचा, 150 फीट चौड़ा, 225 फीट लंबा |
| मंजिलें | पाँच मंजिला संरचना, भविष्य में और दो मंजिलें जोड़ी जा सकती हैं |
| भूमि क्षेत्रफल | लगभग 2 एकड़ |
| कारीगर | जोधपुर के शिल्पकारों द्वारा निर्मित |
| मुख्य रंग और सामग्री | गुलाबी पत्थर (Pink Stone) – विश्व में ब्रह्माकुमारी द्वारा पहली बार उपयोग |
निर्माण के लिए 150 से अधिक ट्रकों में जोधपुर से पिंक स्टोन लाया गया था।
कमजोर भूमि के कारण नींव को गहराई तक खोदकर सुदृढ़ स्लैब पर कॉलम खड़े किए गए।
💰 जनसहभागिता से निर्मित “शांति शिखर”
- इस भवन के निर्माण में 11,000 से अधिक सदस्यों ने प्रतिदिन ₹1 का दान दिया।
- संस्था के 50 सेवाकेंद्र और 500 उपसेवाकेंद्रों ने “भंडारी अभियान” चलाया।
- अनेक लोगों ने निर्माण सामग्री, श्रम और धन से सहयोग किया।
- यह जन-सहयोग और सेवा-भावना का अनुपम उदाहरण है।
राजयोगी ओम प्रकाश भाईजी और राजयोगिनी कमला बहन का यह सपना था कि रायपुर में एक विश्वस्तरीय शांतिस्थल बने — आज वह “शांति शिखर” के रूप में साकार हुआ।

🏛️ भवन की प्रमुख विशेषताएँ और सुविधाएँ
| सुविधा | विवरण |
|---|---|
| 🪷 मुख्य ऑडिटोरियम | 2000 लोगों की क्षमता, पूर्णतः एसी, एलईडी स्क्रीनयुक्त |
| 🏫 सेमिनार हॉल | दो हॉल, प्रत्येक में 400 लोगों की क्षमता |
| 🧘 ध्यान हॉल | एक विशाल मेडिटेशन हॉल – 100 साधक एक साथ राजयोग ध्यान कर सकते हैं |
| 📚 लाइब्रेरी | 25 लोगों के लिए अध्ययन व्यवस्था – आध्यात्मिक और नैतिक ग्रंथों से सुसज्जित |
| 🏠 अतिथि कक्ष | 100 मेहमानों के ठहरने के लिए सर्व-सुविधायुक्त कमरे |
| 🍽️ डायनिंग हॉल | 300 लोगों के सामूहिक भोजन की सुविधा |
| 🎞️ वीडियो थिएटर | 200 लोगों की क्षमता – संस्था द्वारा निर्मित आध्यात्मिक डॉक्युमेंट्री/फिल्में प्रदर्शित होंगी |
🌿 यहाँ चलने वाले प्रमुख कार्यक्रम
- राजयोग मेडिटेशन और आध्यात्मिक ज्ञान की नि:शुल्क शिक्षा
- स्ट्रेस मैनेजमेंट शिविर — जीवन प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित
- बच्चों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण कार्यक्रम
- सभी समाजों और ग्रामीणों के लिए आध्यात्मिक-नैतिक कार्यशालाएँ
- मूल्यनिष्ठ शिक्षा परियोजना के अंतर्गत आवासीय प्रशिक्षण
- पर्यावरण संरक्षण — पौधारोपण, मृदा एवं जल संरक्षण, जैविक खेती का प्रचार
- स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम — हृदय रोग, डायबिटीज, नशामुक्ति पर केंद्रित
- “शांति और सकारात्मकता” पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस — देश-विदेश के वक्ताओं की भागीदारी
🕊️ प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा —
“यह भूमि केवल उद्योग और विकास की नहीं, बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि की भी है।
ब्रह्माकुमारीज़ ने ‘शांति’ को जीवन का विज्ञान बना दिया है।
‘शांति शिखर’ आने वाली पीढ़ियों के लिए ऊर्जा, संतुलन और सामंजस्य का केंद्र बनेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की वैश्विक पहचान केवल तकनीक या अर्थव्यवस्था से नहीं, बल्कि “आध्यात्मिक नेतृत्व” से बनती है — और ऐसे केंद्र भारत की यही पहचान मजबूत करते हैं।
🌸 महत्व और प्रतीकात्मकता
- “शांति शिखर” केवल एक भवन नहीं, बल्कि मानवता, आत्मिक शांति और सेवा-भावना का जीवंत प्रतीक है।
- यह रिट्रीट सेंटर आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक सम्मेलनों का केंद्र बनेगा।
- यहाँ ध्यान, योग, सत्संग और मानवीय मूल्यों पर शिक्षा दी जाएगी — जिससे समाज में संतुलन, संवेदना और करुणा को बढ़ावा मिलेगा।
