नवा रायपुर बनेगा छत्तीसगढ़ की पहली सोलर सिटी
🔹 संकल्प और लक्ष्य
छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (CREDA) ने नवा रायपुर अटल नगर को राज्य की पहली पूर्ण सौर ऊर्जा आधारित सिटी बनाने का लक्ष्य तय किया है।
इसका उद्देश्य है —
- शहर को ग्रीन एनर्जी पर आत्मनिर्भर बनाना
- बिजली खर्च में कमी लाना
- और कार्बन उत्सर्जन घटाकर “नेट जीरो” की दिशा में राज्य को अग्रसर करना।
🏙️ नवा रायपुर की सोलर सिटी योजना में क्या होगा
- 10 मेगावॉट क्षमता का ग्रिड-कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट
- सरकारी भवनों की छतों पर ग्रिड से जुड़ी सौर पैनल प्रणाली लगाई जाएगी।
- इससे हर साल लगभग 160 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।
- इतना बिजली उत्पादन नवा रायपुर के सभी प्रमुख सरकारी परिसरों, सचिवालय, मंत्रालय भवन, स्मार्ट सिटी मिशन कार्यालय आदि के लिए पर्याप्त होगा।
- इस परियोजना से बिजली बिलों में भारी कमी आएगी — सरकारी खर्च में सालाना करोड़ों रुपये की बचत होगी।
- स्टेडियम और रेलवे स्टेशन होंगे सौर ऊर्जा से रोशन
- नवा रायपुर के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, रेलवे स्टेशन, और प्रमुख शहर चौक व पार्किंग क्षेत्र में हाईमास्ट सोलर लाइट्स लगाई जाएंगी।
- रात में भी शहर पूरी तरह सौर ऊर्जा से जगमग रहेगा।
- सोलर पंप और ऑफग्रिड सिस्टम
- ग्रामीण इलाकों में किसानों को सौर सिंचाई पंप मिल रहे हैं।
- ऑफग्रिड सिस्टम के जरिए उन गांवों में भी बिजली पहुंचाई जा रही है, जहां परंपरागत ग्रिड पहुंचाना मुश्किल है — विशेषकर बस्तर, कांकेर, और दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में।
🌾 ग्रामीण इलाकों में सौर क्रांति
🔸 बस्तर का उदाहरण
बस्तर के सुदूर गांव — जहाँ पहले बिजली पहुंचाना असंभव था — आज सोलर माइक्रो ग्रिड और सोलर हाईमास्ट लाइट्स से जगमगा रहे हैं।
लोग अब मोबाइल चार्ज कर पा रहे हैं, बच्चों की पढ़ाई रात में हो पा रही है, और छोटे व्यवसाय जैसे सिलाई, फोटोकॉपी, और कोल्ड ड्रिंक स्टॉल चल रहे हैं।
इस बदलाव को स्थानीय लोग “सूरज की बिजली का उजियारा” कह रहे हैं।
⚙️ राज्य के ऊर्जा शिक्षा उद्यान — अब बनेंगे “नेट जीरो”
राज्यभर के ऊर्जा शिक्षा उद्यानों में सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं ताकि उनकी पूरी बिजली खपत सौर ऊर्जा से पूरी हो सके।
वर्तमान में सात उद्यान —
रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, कबीरधाम, बस्तर, कोटमीसोनार और पाटन — में 98 किलोवॉट सोलर प्लांट कार्यरत हैं।
लक्ष्य है कि ये सभी उद्यान “नेट जीरो एनर्जी सेंटर” बनें, यानी जितनी ऊर्जा उपभोग हो उतनी ही सौर ऊर्जा वे उत्पन्न करें।
🔋 देश का पहला बैटरी स्टोरेज सोलर प्लांट — राजनांदगांव में
यह छत्तीसगढ़ की सबसे गर्व की परियोजना है —
राजनांदगांव में भारत का पहला “बैटरी स्टोरेज सोलर पावर प्लांट” संचालित है।
🔹 इसकी विशेषताएं:
- कुल लागत: लगभग ₹900 करोड़
- क्षेत्र कवरेज: 9 गांवों में फैला नेटवर्क
- आधुनिक बैटरी स्टोरेज तकनीक से सुसज्जित
- बैटरी में इतनी क्षमता है कि तीन घंटे तक लगातार बिजली सप्लाई बनी रहती है, भले ही सूर्य की रोशनी न हो।
- पावर कंपनी रोजाना इस प्लांट से बिजली लेती है — यह एक “ऊर्जा आत्मनिर्भरता मॉडल” बन चुका है।
🌞 सौर ऊर्जा विस्तार का असर
| क्षेत्र | अब तक का प्रगति |
|---|---|
| सोलर पंप | 2 लाख से अधिक किसानों को लाभ |
| सोलर हाईमास्ट | 15,000+ ग्रामीण केंद्रों पर स्थापित |
| ऑफग्रिड सिस्टम | 5000 से अधिक गांवों में बिजली |
| सोलर रूफटॉप | 350+ सरकारी भवनों पर चालू |
| बैटरी स्टोरेज | देश का पहला मॉडल, राजनांदगांव |
♻️ लाभ — क्यों यह योजना ऐतिहासिक है
- 🌱 कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी — हर साल लाखों टन CO₂ कम होगा।
- 💰 आर्थिक बचत — सरकारी बिजली बिलों में करोड़ों की बचत।
- 🔋 ऊर्जा आत्मनिर्भरता — बिजली संकट की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था।
- 👨🌾 ग्रामीण जीवन में सुधार — रोजगार, शिक्षा और कृषि में नई ऊर्जा।
- 🧒 पर्यावरण शिक्षा — स्कूलों और ऊर्जा उद्यानों के जरिए युवाओं को जागरूक बनाना।

🇮🇳 निष्कर्ष — छत्तीसगढ़ बनेगा भारत का सोलर मॉडल स्टेट
- 25 साल का छत्तीसगढ़ अब “ग्रीन छत्तीसगढ़ – क्लीन एनर्जी छत्तीसगढ़” के विजन पर आगे बढ़ रहा है।
- नवा रायपुर का सोलर सिटी मॉडल पूरे राज्य के लिए प्रेरणा बनेगा।
- आने वाले वर्षों में क्रेडा का लक्ष्य है कि 2027 तक राज्य की 30% बिजली आवश्यकता सौर ऊर्जा से पूरी की जाए।
