छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस (रजत राज्योत्सव) के अवसर पर सूरजपुर जिले में आज से शुरू हुआ जिला स्तरीय राज्योत्सव 2025 तीन दिनों तक लोकसंस्कृति, संगीत, कला और परंपरा का भव्य उत्सव बनेगा। प्रशासन ने पूरे आयोजन स्थल को छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति की झलक से सजाया है। नीचे इसका पूरा विस्तृत विवरण प्रस्तुत है —
🎉 सूरजपुर जिला स्तरीय राज्योत्सव 2025
📍 स्थान: जिला मुख्यालय, सूरजपुर – पुलिस परेड ग्राउंड
🗓️ अवधि: 2 नवंबर से 4 नवंबर 2025 तक (तीन दिन)
🕕 समय: प्रतिदिन शाम 6 बजे से
🌼 उद्घाटन समारोह (पहला दिन – 2 नवंबर)
🎀 मुख्य अतिथि:
👉 लक्ष्मी राजवाड़े, महिला एवं बाल विकास मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन
🎤 विशिष्ट अतिथि:
- कलेक्टर सूरजपुर,
- पुलिस अधीक्षक सूरजपुर,
- जिला पंचायत अध्यक्ष,
- जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक संगठन प्रमुख।
🪔 कार्यक्रम की शुरुआत:
- दीप प्रज्वलन एवं छत्तीसगढ़ महतारी की आरती से राज्योत्सव का शुभारंभ।
- स्थानीय विद्यालयों के बच्चों द्वारा राजगीत “अरपा पैरी के धार” का सामूहिक गायन।
- स्वागत भाषण एवं राज्योत्सव के महत्व पर संबोधन।

💃 पहले दिन की प्रमुख सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ (2 नवंबर)
- लोक नृत्य श्रृंखला:
- पंथी नृत्य (सूरजपुर) – गुरु घासीदास जी के उपदेशों पर आधारित प्रेरक नृत्य।
- करमा नृत्य (आदिवासी जनजाति समुदाय द्वारा) – प्रकृति और फसल का उत्सव।
- राउत नाचा – छत्तीसगढ़ के गोपाल समुदाय द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक नृत्य।
- संगीत कार्यक्रम:
- सूरजपुर के युवा कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की प्रस्तुति।
- “छइहां गे मया”, “मया देदे मया”, “नंदिया के पानी” जैसे लोकप्रिय गीतों की गूंज।
- नाट्य मंचन:
- स्थानीय नाट्य दल द्वारा “छत्तीसगढ़ की माटी” पर आधारित एकांकी नाटक।
- प्रदर्शनी उद्घाटन:
- हस्तशिल्प, वन उत्पाद और आत्मानंद योजना से जुड़े स्टॉल्स का शुभारंभ।
🎭 दूसरा दिन (3 नवंबर 2025)
- विद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रतियोगिताएँ — समूह नृत्य, लोकगीत, छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन।
- महिला स्वसहायता समूहों द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यंजन एवं हस्तनिर्मित वस्त्र प्रदर्शनी।
- शाम को लोकगायक गिरीश वर्मा और दीप्ति यादव की प्रस्तुति — “छत्तीसगढ़ी रागिनी संध्या।”
🎵 तीसरा दिन (4 नवंबर 2025 – समापन समारोह)
- पुरस्कार वितरण समारोह: तीन दिनों तक आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मान।
- लोककला सम्मान 2025 का वितरण, जिसमें जिले के श्रेष्ठ कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा।
- फोक म्यूज़िकल नाइट: क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा बॉलीवुड और छत्तीसगढ़ी गीतों का मिश्रित कार्यक्रम।
- समापन भाषण: जिलाधिकारी द्वारा राज्य की उपलब्धियों पर प्रकाश डालना और धन्यवाद ज्ञापन।
- अंत में आकाशदीप प्रज्वलन और आतिशबाज़ी प्रदर्शन से उत्सव का समापन।
🌿 राज्योत्सव की विशेषताएँ
- “मोर माटी, मोर संस्कृति” थीम पर आधारित पूरा उत्सव।
- स्थानीय जनजातीय कलाकारों, बुनकरों, हस्तशिल्पियों और विद्यार्थियों को मंच प्रदान किया गया है।
- जिले के सभी ब्लॉकों से 200+ लोक कलाकार अपनी परंपरागत कला प्रस्तुत करेंगे।
- छत्तीसगढ़ी व्यंजन मेले में फरा, चीला, अरसा, देवरानी-जेठानी की सब्ज़ी, ठेठरी, खुरमी जैसे पारंपरिक पकवान उपलब्ध होंगे।
🎯 उद्देश्य
- जिले की लोक कला, संगीत और पारंपरिक जीवनशैली को सहेजना।
- ग्रामीण कलाकारों और महिला समूहों को आर्थिक मंच प्रदान करना।
- राज्य के रजत जयंती वर्ष में जनभागीदारी और सांस्कृतिक एकता का संदेश देना।
