- ट्रेलर की शुरुआत अमिताभ बच्चन की गहरी, प्रेरक आवाज (नैरेटर) से होती है — इससे ट्रेलर का टोन भारी, भावनात्मक और ग्रैंड बन जाता है।
- ट्रेलर में हाई-ऑक्टेन बैटल सीक्वेंस, हिमालयी ऊँचे पहाड़ी वातावरण, ब्लिट्ज-अटैक सीन और सैनिकों के बीच की कैमरेडरी (dosti/camaraderie) दिखती है — विजुअल तौर पर बड़े पैमाने पर बनावट दी गयी है। भीतरी संवादों और संगीत से भावनात्मक पुल बनाया गया है।
- मेकर्स ने आधिकारिक इंस्टाग्राम/यूट्यूब पर ट्रेलर/टीज़र अपलोड किया है; टीज़र/ट्रेलर आधिकारिक चैनल पर देखा जा सकता है।
फिल्म — क्रेडिट, कास्ट और रिलीज़
- फिल्म का शीर्षक: 120 बहादुर (120 Bahadur)। निर्देशित: रजनीश ‘रेज़ी’ (Razneesh/Razy) घई (निर्देशक के रूप में क्रेडिट रिपोर्ट किए गए हैं)। प्रोड्यूसर: फरहान अख्तर (एक्सेल एंटरटेनमेंट) व रितेश सिद्धवानी और अमित चंद्रा (Trigger Happy Studios)।
- मुख्य भूमिका: फरहान अख्तर — मेेजर शैतान सिंह भाटी, PVC की भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म में राशी खन्ना, स्पर्श वालिया, विवान भटेना, धनवीर सिंह, दिग्विजय प्रताप, अन्य सोल्जर/लीड और कई वरिष्ठ कलाकार भी हैं; अमिताभ बच्चन ने ट्रेलर नैरेशन दिया है।
- प्रमोशन: कन्नड़ स्टार यश ने ट्रेलर लॉन्च किया; सलमान खान और अन्य सितारों ने भी शुरुआत/प्रशंसा की—यानी इंडस्ट्री से मजबूत समर्थन मिला।
- रिलीज़ डेट: 21 नवंबर 2025 — सिनेमाघरों में रिलीज़ निर्धारित है.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि — रेजांग ला (सच क्या कहता है)
संक्षेप में: यह लड़ाई 18 नवंबर 1962 को हुई—यह 1962 के भारत–चीन युद्ध का एक अहम, बहादुरी भरपूर और विवादित अध्याय है।
- कौन लड़े थे: भारतीय ओर से C (Charlie) Company, 13 Kumaon Regiment के लगभग 120 जवान (चरित्रों/कंपनी का नेतृत्व मेजर शैतान सिंह कर रहे थे)। मेजर शैतान सिंह की बहादुरी के लिए उन्हें युद्धोपरांत परम वीर चक्र (Param Vir Chakra) से सम्मानित किया गया।

- लड़ाई की सेटिंग: रेजांग ला (Rezang La) एक ऊँचा पर्वतीय पैस/रिज है, चुसूल (Chushul) सेक्टर के पास — बहुत ऊँचे और ठंडे इलाके में लड़ाई हुई। भारतीय पोस्टेस ने दुश्मन के आगे डटे रहने का साहस दिखाया।
- संख्या और हताहत (स्रोतों में अंतर): यहाँ सबसे चर्चित बिंदु यही है कि भारतीय वर्णन के अनुसार 120 भारतीय सिपाही ने लगभग 3,000 चीनी सैनिकों के कई हमलों का सामना किया और अंतिम तक लड़े; रिपोर्ट की भाषाएँ और आँकड़े स्रोत अनुसार बदलते हैं — चीनी आधिकारिक/कुछ रिपोर्टें कहती हैं कि विरोधी संख्या कम बतायी जाती है (कई स्रोतों में PLA की संख्या और दोनों पक्ष के मरने वालों के आंकड़े अलग-अलग दिए गए हैं)। इसलिए ऐतिहासिक लेखों/सरकारी रिपोर्टों में आँकड़ों का विरोधाभास मिलता है। (इसी वजह से फिल्म और मीडिया में अक्सर “120 बनाम 3000” जैसा स्क्रीन-फ्रेंडली नरेटिव चलता है।)
- परिणाम और विरासत: भारतीय कथन के अनुसार यह लड़ाई एक बहादुरी का प्रतीक है — लगभग पूरे कंपनी ने शहीद होने तक मुकाबला किया; यह घटना भारतीय सैन्य इतिहास में एक निष्ठा/बलिदान का प्रतीक बनी। कई जवानों को वीरता पुरस्कृत किया गया। साथ ही इस इलाके का जायजा बाद के वर्षों में भी लिया गया और 1962 के बाद से यह संघर्ष और सीमा मामलों के संदर्भ में स्मरणीय बना रहा।
