- एक रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2025 में भारत में ऑटो उद्योग के लगभग सभी सेगमेंट — दोपहिया (2W), पैसेंजर वाहन (PV), व कमर्शियल वाहन (CV) — में डबल-डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है।
- इसके पीछे वजहें हैं: GST दरों में कटौती, ब्याज दरों में संभावित कमी, ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी और फाइनेंसिंग आसानी।
- आज के कारोबार में, Nifty Auto इंडेक्स ने नया रिकॉर्ड हाई बनाया है। कई ऑटो कंपनियों — जैसे Tata Motors और Ashok Leyland — के शेयरों में 5-6% तक तेजी देखी गई।

ऑटो-सेक्टर: मजबूती के संकेत
- NIFTY AUTO इंडेक्स ने हाल ही में नया हाई छुआ है, मतलब ऑटो शेयरों में बाज़ार का भरोसा बढ़ा है।
- कुछ प्रमुख कंपनियों — जैसे Tata Motors और Ashok Leyland — के शेयर 5-6% तक चढ़ गए।
- एक रिपोर्ट (Nuvama की) के अनुसार, नवंबर 2025 में भारत में लगभग सभी सेगमेंट — दोपहिया (2W), पैसेंजर व्हीकल (PV), कमर्शियल व्हीकल (CV) — में साल-दर-साल (YoY) डबल-डिजिट ग्रोथ की संभावना है।
- पिछले कुछ महीनों में, कई निर्माता कंपनियों ने Q2 FY26 में अच्छी आमदनी/विक्री की सूचना दी है — जिससे लग रहा है कि मांग धीरे-धीरे वापस लौट रही है।
✅ किन कारणों से रिकवरी हो रही है — यानी डिमांड क्यों बढ़ी
- GST रियायती दरें / टैक्स सुधार — हाल की GST-2.0 और टैक्स/जीएसटी रेट कूपन/रियायतों ने गाड़ियाँ खरीदना सस्ता बनाया है; इसने मांग को बढ़ावा दिया है।
- ग्रामीण / ग्रामीण-आधारित मांग में सुधार — खेती, ग्रामीण आय, मॉनसून सही होने जैसे कारणों से दोपहिया और छोटे वाहन की मांग में अच्छी तेजी देखी जा रही है
- फाइनेंसिंग आसान / ब्याज दरों में सहूलियत — ऋण (लोन) लेने में आसानी और किफायती फाइनेंस विकल्पों की वजह से लोग गाड़ी खरीदने के लिए सक्रिय हुए हैं।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर व कॉन्कट्रक्शन मांग (Commercial/Vehicles) — जैसे ट्रक-बस, वाणिज्यिक वाहनों की मांग बढ़ी है; इस क्लास की व्हीकल्स में निवेश/खरीदारी बढ़ी है।
⚙️ वर्तमान हाल — कौन से सेगमेंट आगे
- CV सेक्टर (Commercial Vehicles) में बड़ी रिकवरी — उदाहरण के लिए, Tata Motors और Ashok Leyland CV के शेयरों में आज 5–6% + तेजी देखी गई।
- 2W (बाइक, स्कूटर) और कम्यूटर-सेगमेंट में भी मांग — इससे यातायात और रोज़मर्रा इस्तेमाल की गाड़ियों की बिक्री में सुधार हो रहा है।
- PV (Passenger Vehicles / कार-SUV) में भी धीरे-धीरे रिकवरी — हालांकि कारों का ग्रोथ थोड़ा मित (moderate) है, लेकिन नए टैक्स/जीएसटी बदलावों से मदद मिल रही है।
🔭 आगे की संभावना — क्या है अंदेशा
- अगर टैक्स/जीएसटी रियायतें बनी रहीं, फाइनेंसिंग सस्ती रही, और ग्रामीण + शहरी मांग दोनों सक्रिय रहे — तो आने वाले 1–2 सालों में ऑटो-सेक्टर मजबूत वापसी की ओर जा सकता है।
- CV (ट्रक, बस, वाणिज्यिक वाहन) और 2W सेगमेंट में तेजी से वरीयता — क्योंकि भारत में लॉजिस्टिक, कंस्ट्रक्शन, ग्रामीण परिवहन, और रोज़मर्रा का ट्रैफिक बढ़ रहा है।
- हालांकि, कंपनियों को अपने उत्पादन, सप्लाई-चेन, कीमत, फाइनेंसिंग कॉस्ट आदि में संतुलन बनाये रखना होगा — ताकि मांग और ऑफर बीच ठीक तालमेल बने रहे।
