सबसे बड़ा निर्णय मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना को वर्ष 2026-27 तक जारी रखने का रहा। इसके लिए अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

प्रदेश में इस योजना के तहत अब तक 1,070 करोड़ रुपये की 1062 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं।
इनमें—
- 325 परियोजनाएँ पूर्ण
- 407 परियोजनाएँ प्रगतिरत
- 330 परियोजनाएँ डीपीआर/निविदा प्रक्रिया में हैं।
इस योजना के तहत नगरीय क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, मार्ग निर्माण, नाली निर्माण, श्मशान घाट, सामुदायिक भवन, रैन बसेरा और खेल मैदान जैसे अधोसंरचनात्मक विकास कार्य किए जा रहे हैं।
कैबिनेट ने मध्यप्रदेश ग्रामीण संपर्कता बाह्य-वित्तपोषित योजना के शेष अपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए, पूर्व स्वीकृत राशि 12 करोड़ 32 लाख रुपये के अतिरिक्त 9 करोड़ 45 लाख रुपये के व्यय की अनुमति भी प्रदान की।
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, राज्य सेवा परीक्षा-2022 में परिवहन उप निरीक्षक पद के लिए चयनित 29 में से 25 उम्मीदवारों को नियुक्ति देने की स्वीकृति दी गई।
शर्त यह है कि चयनित उम्मीदवारों को एक वर्षीय कंप्यूटर डिप्लोमा और ड्राइविंग लाइसेंस के दस्तावेज 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
कैबिनेट ने यह भी स्पष्ट किया कि जो उम्मीदवार निर्धारित अवधि में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनकी परिवीक्षा अवधि बढ़ाए बिना सेवा तत्काल समाप्त कर दी जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज विधानसभा परिसर के समिति कक्ष में मंत्रि-परिषद की अहम बैठक आयोजित हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
सबसे बड़ा निर्णय मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना को वर्ष 2026-27 तक जारी रखने का रहा। इसके लिए अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।
प्रदेश में इस योजना के तहत अब तक 1,070 करोड़ रुपये की 1062 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं।
इनमें—
- 325 परियोजनाएँ पूर्ण
- 407 परियोजनाएँ प्रगतिरत
- 330 परियोजनाएँ डीपीआर/निविदा प्रक्रिया में हैं।
इस योजना के तहत नगरीय क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, मार्ग निर्माण, नाली निर्माण, श्मशान घाट, सामुदायिक भवन, रैन बसेरा और खेल मैदान जैसे अधोसंरचनात्मक विकास कार्य किए जा रहे हैं।
कैबिनेट ने मध्यप्रदेश ग्रामीण संपर्कता बाह्य-वित्तपोषित योजना के शेष अपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए, पूर्व स्वीकृत राशि 12 करोड़ 32 लाख रुपये के अतिरिक्त 9 करोड़ 45 लाख रुपये के व्यय की अनुमति भी प्रदान की।
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, राज्य सेवा परीक्षा-2022 में परिवहन उप निरीक्षक पद के लिए चयनित 29 में से 25 उम्मीदवारों को नियुक्ति देने की स्वीकृति दी गई।
शर्त यह है कि चयनित उम्मीदवारों को एक वर्षीय कंप्यूटर डिप्लोमा और ड्राइविंग लाइसेंस के दस्तावेज 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
कैबिनेट ने यह भी स्पष्ट किया कि जो उम्मीदवार निर्धारित अवधि में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनकी परिवीक्षा अवधि बढ़ाए बिना सेवा तत्काल समाप्त कर दी जाएगी।
