भोपाल। मध्यप्रदेश ने महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में देशभर में नई मिसाल पेश की है। राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियाँ और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग इसे राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बना रहा है।

🌐 डिजिटल पारदर्शिता: देश में प्रथम स्थान
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती 100% ऑनलाइन — देश का पहला राज्य
- 20 मीटर जियो-फेंसिंग आधारित उपस्थिति प्रणाली — फील्ड में पूर्ण पारदर्शिता
- भवन निर्माण में रियल-टाइम मॉनिटरिंग मॉड्यूल — कार्यों की लाइव ट्रैकिंग
🍲 पोषण एवं बच्चों की सुरक्षा में उल्लेखनीय प्रगति
- टेक-होम राशन की FRS प्रक्रिया में देश में प्रथम — लाभार्थियों तक सीधे लाभ
- स्पॉन्सरशिप योजना में 20,243 बच्चों को लाभ — राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर राज्य
🏆 राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित पहल
- झाबुआ का ‘मोटी आई’ नवाचार — मिला प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार
- PM JANMAN भवन डिज़ाइन व मॉनिटरिंग मॉड्यूल — भारत सरकार द्वारा विशेष सराहना
🚀 3 वर्षों की भविष्य कार्ययोजना
- शहरी आंगनवाड़ियों में सेंट्रल किचन से गर्म भोजन
⏳ 2026 से नई व्यवस्था लागू - 2047 विज़न के अनुरूप शाला-पूर्व शिक्षा पर बड़ा निवेश
- निपुण भारत आधारित विकास कार्ड — सीखने की गुणवत्ता में सुधार
- 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन — अगले तीन वर्षों में निर्माण लक्ष्य
- HEW के माध्यम से 1.47 लाख जागरूकता गतिविधियाँ
जेंडर, सुरक्षा एवं कानूनी सहायता पर व्यापक प्रभाव
💪 महिलाओं और बालिकाओं की सशक्तिकरण यात्रा
- PMMVY के तहत 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को ₹512 करोड़ से अधिक सहायता
- लाड़ली बहना योजना
जनवरी 2024 – नवंबर 2025
👉 कुल ₹36,778 करोड़ का सीधा अंतरण - महिला हेल्पलाइन 181
👉 1.72 लाख महिलाओं को सहायता - वन स्टॉप सेंटर
👉 52,095 महिलाओं को सुरक्षा एवं परामर्श
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ — प्रभावी परिणाम
- 1.89 लाख पौधारोपण — बेटियों के नाम पर
- 6,520 बालिकाओं को ड्राइविंग लाइसेंस
- 8,637 बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण
🚸 आंगनवाड़ी व्यवस्था का बृहद उन्नयन
- 12,670 आंगनवाड़ी केंद्र ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ घोषित
— बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु नई सुविधाएँ लागू
