ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर रेलवे लोको रनिंग स्टाफ ने 48 घंटे उपवास रखते हुए ट्रेनों का संचालन करने का बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
SECR ज़ोन में सभी क्रू लॉबियों सहित पेंड्रा रोड लॉबी के बाहर आज सैकड़ों लोको पायलट और सहायक लोको पायलट धरने पर बैठे।

कर्मचारियों का आरोप है कि
- SECR हर साल लदान का नया रिकॉर्ड बनाता है
- फिर भी रनिंग स्टाफ के 4,541 पद खाली हैं
- जिसके कारण अत्यधिक कार्य घंटे,
विश्राम और अवकाश न मिलना,
और परिवार व स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है
विरोध कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि
जहां अन्य केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तों में 1 जनवरी 2024 से 25% बढ़ोतरी लागू की गई —
वहीं रनिंग स्टाफ के माइलेज भत्ते में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।
साथ ही माइलेज भत्ता 100% टैक्स-फ्री करने की जगह
वेतन का बड़ा हिस्सा आयकर के दायरे में ले आया गया है।
जिसका विरोध तेज हो गया है।
रनिंग स्टाफ ने एप्टीट्यूड टेस्ट में अनुपयुक्त पाए जाने पर
30% वेतन तत्व काटने के आदेश को भी
अनैतिक बताया है।
कर्मचारियों का कहना है —
रेल हादसों की निष्पक्ष जांच हो — ताकि
“SPAD शून्य मिशन” को वास्तव में सफल बनाया जा सके।
लोको रनिंग स्टाफ का कहना है कि जब तक मुद्दों का समाधान नहीं होता,
आंदोलन जारी रहेगा और
भूखे पेट भी ट्रेनों को सुरक्षित चलाते रहेंगे।
