गरियाबंद l वार्ड क्रमांक 4 में टाई के बाद आस्था तिवारी ने दिया प्रतिद्वंद्वी सावित्री ताम्रकार को समर्थन
गरियाबंद जिले के अमली पदर ग्राम पंचायत के वार्ड क्रमांक 4 में इस बार के पंचायत चुनाव ने एक अनूठी मिसाल पेश की। जब मतदान के बाद गिनती पूरी हुई, तो दोनों प्रत्याशी आस्था तिवारी और सावित्री ताम्रकार को बराबर मत प्राप्त हुए। ऐसे में जहां आमतौर पर फिर से मतदान कराने या अन्य कानूनी प्रक्रियाओं का सहारा लिया जाता है, वहीं आस्था तिवारी ने एक अलग ही रास्ता चुना।

आपसी सौहार्द्र और भाईचारे को प्राथमिकता देते हुए आस्था तिवारी ने अपने प्रतिद्वंद्वी सावित्री ताम्रकार को समर्थन देकर मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि अगर चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ी और कानूनी लड़ाई तक गई, तो इससे न केवल ग्राम पंचायत का माहौल खराब होता, बल्कि पड़ोसी होने के नाते उनका आपसी सौहार्द्र भी प्रभावित हो सकता था। इसी सोच के साथ उन्होंने सावित्री ताम्रकार को समर्थन देकर उनसे यह शपथ दिलाई कि वे ग्रामवासियों की भलाई के लिए पूरे समर्पण के साथ काम करेंगी।

आस्था तिवारी के इस निर्णय ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया है। अक्सर चुनावी माहौल में कटुता और प्रतिस्पर्धा देखी जाती है, लेकिन इस घटना ने यह संदेश दिया कि लोकतंत्र सिर्फ जीत-हार का नाम नहीं, बल्कि एकता और भाईचारे का प्रतीक भी हो सकता है।

गांव के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने आस्था तिवारी के इस फैसले की सराहना की और इसे एक मिसाल बताया। इस पहल से यह संदेश गया कि राजनीति में सौहार्द्र और समझदारी के साथ आगे बढ़ा जा सकता है।
अमली पदर ग्राम पंचायत की इस घटना ने लोकतंत्र की नई परिभाषा गढ़ दी है, जो आने वाले समय में अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा बनेगी।