बस्तर l छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों के खात्मे के लिए मिशन 2026 पर काम किया जा रहा है। जवानों द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन के कारण माओवादी संगठन लगातार बिखर रहा है। नक्सलियों की सप्लाई चेन पूरी तरह से टूटने की कगार पर है, और हथियारों के सप्लायरों पर शिकंजा कसा जा रहा है।

जवानों ने नक्सलियों के कोर इलाकों में ऑपरेशन किया है और उनके रसद सामानों को जप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। इससे माओवादी संगठन में रसद की कमी हो गई है, और बाहर से आने वाला राशन अंदरूनी इलाकों में लगे कैम्पों से नक्सलियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। ग्रामीणों ने भी नक्सलियों की मदद करने और उन्हें राशन देने से मना कर दिया है। सुरक्षा महकमे के पास जानकारी मिल रही है कि कई बड़े नक्सली राशन के लिए मोहताज हो रहे हैं। मुठभेड़ों में माओवादियों के राशन सामग्री को सुरक्षा बलों ने जप्त कर लिया है, और बॉर्डर पर सतत निगरानी रखी जा रही है।

बस्तर सांसद और सुरक्षा महकमा नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि बस्तर के विकास में आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए सुरक्षा बल काम कर रहे हैं। नक्सलवाद का खात्मा करने के लिए साम, दंड, भेद सभी तरीकों का उपयोग किया जाएगा।
नक्सल संगठन में कई नक्सली बीमार हैं, और संगठन को अब राशन के लिए दो-चार होना पड़ रहा है। यह स्थिति नक्सलियों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो गई है।