मध्य प्रदेश l उमरावमल जैन रतलाम के द्वारा शिकायत की गई, की में सोने चाँदी का व्यवसाय करता हूँ। दिनांक 2019 को मैं मंदसौर के सजजनलाल गजेन्द्रकुमार मेहता की दुकान पर 111 ग्राम सोने का जेवर डिलेवरी करने जा रहा था। मैं रतलाम से जमुना ब्रिज पेसंजर ट्रेन से मंदसौर 10.30 के लगभग प्लेटफार्म पर उतरकर बाहर आया जहाँ पर ऑटो आदि खडे रहते हैं।

उसी समय पुलिस की ड्रेस में एक जवान पैदल पैदल मेरे पास आया और बोला की आपको मेरे साथ थाने पर चलना होगो जिस पर मेने बोला की मैं मोबाईल से मंदसौर सराफा व्यापारी अध्यक्ष को फोन कर के बताता हूँ फिर मैं थाने चलने को तैयार हूँ। इसके बाद मैने अपनी जेब से मोबाईल निकाला उसी समय पुलिस के जवान ने मेरा मोबाईल हाथो से छीन लिया बार-बार मेरे कहने पर भी मुझे फोन नहीं करने दिया,
उसी समय पीछे से 1 फोरव्हीलर गाडी आई 20 आई जिस पर नम्बर प्लेट नही थी। उस गाडी से सादी ड्रेस मे एक व्यक्ति आया और दोनो व्यक्तियो ने मुझे गाडी में बिठाने का प्रयास किया लेकिन में नहीं बैठा क्योकि वह पुलिस की गाडी नही लग रही थी।
फिर दोपहिया वाहन पर एक पुलिसकर्मी और आया उसने कहाँ की कर में नहीं बैठ रहे हों यों मेरे साथ बाइक पर बैठो,और बाइक पर बिठाकर इधर उधर घुमाकर दलौदा की तरफ ले गए थे, और लूट की थी, इस मामले में न्यायलय ने 5 वर्षो के अंतराल के बाद बड़ा फैसला दिया हैं प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश मुनेन्द्र सिंह वर्मा ने इस मामले में तीनो आरोपी धर्मेन्द्र, गौरव और गोपाल गुनावत को आज बरी कर दिया हैं.धर्मेन्द्र और गौरव की और से पैरवी एडवोकेट प्रतिक मारु ने की थी