देश l कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी एक बार फिर मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में अपने आरोपपत्र में कहा है कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति ‘हड़पने’ के लिए ‘आपराधिक साजिश’ रची थी. जांच एजेंसी ने दावा किया कि इसके लिए उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर महज 50 लाख रुपये में अपनी निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ को हस्तांतरित कर दिए, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बहुलांश शेयरधारक हैं.
कांग्रेस के ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा के खिलाफ भी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट में सुमन दुबे और अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं. कोर्ट ने इस मामले में आरोपों पर संज्ञान लेने की सुनवाई की तारीख 25 अप्रैल तय की है.

ED सूत्रों के अनुसार, 661.69 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी AJL, जबकि लगभग 90.21 करोड़ रुपये की प्रॉपटी यंग इंडिया से जुड़ी हैं. बता दें कि ED ने साल 2014 में दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर AJL और यंग इंडिया के खिलाफ PMLA के तहत जांच शुरू की थी. जांच में पाया गया कि इस मामले से जुड़े आरोपियों ने यंग इंडियन के जरिए AJL की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी.
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत के समक्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत दायर अभियोजन शिकायत में संघीय जांच एजेंसी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को आरोपी नंबर एक और उनके बेटे तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को आरोपी नंबर दो बनाया है.