छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के नक्शे पर एक बेमिसाल उपलब्धि दर्ज की है। एक ऐसा राज्य, जहाँ कभी सैकड़ों स्कूल शिक्षक विहीन थे, अब “शून्य शिक्षकविहीनता” की स्थिति में प्रवेश कर चुका है। यह मात्र प्रशासनिक काम नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों को नया आकार देने की शिक्षा क्रांति है।

राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत अब 447 ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है जहाँ पहले एक भी शिक्षक नहीं था। नए शिक्षा सत्र से ये स्कूल पढ़ाई का केंद्र बनेंगे, न कि सिर्फ एक बंद दरवाज़ा।
यह बदलाव सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, यह गांवों में गूंजती उम्मीदों की आवाज़ है।