हरिद्वार l हरिद्वार के बहुचर्चित नगर निगम जमीन घोटाले में जहां धामी सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए दो आईएएस और एक पीसीएस अफसर को सस्पेंड कर दिया, वहीं अब इस घोटाले की लपटें डीएम के कार्यालय तक जा पहुंची हैं।

मातृ सदन के स्वामी शिवानंद सरस्वती ने जिलाधिकारी के मुख्य वैयक्तिक सहायक सुदेश कुमार पर सीधे सवाल दागते हुए कहा कि जब पूरा घोटाला डीएम कार्यालय से होकर गुजरा, तब उनका सबसे भरोसेमंद पीए जांच के दायरे से बाहर कैसे रह गया? उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले एक दशक में से कुछ महीनों को छोड़ कर यही व्यक्ति हरिद्वार डीएम कार्यालय में डटा हुआ है और पर्वतीय जनपदों की पोस्टिंग भी औपचारिकता बनकर रह गई है।

मातृ सदन ने मांग की है कि जमीन घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए डीएम कार्यालय के इस स्थायी चेहरे को भी जांच के घेरे में लाया जाए।
