अहमदाबाद विमान हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, लेकिन कुछ कहानियां हैं जो सिर्फ दुख नहीं, बल्कि इंसानियत की जड़ तक झकझोर देती हैं। ऐसी ही एक कहानी है जावेद अली की — जो एक बेटा बनकर भारत आया था, लेकिन एक पिता, पति और इंसान के रूप में लौट न सका।

37 वर्षीय जावेद अली लंदन में बस चुके थे। उनका छोटा सा प्यारा परिवार—पत्नी मरियम, बेटा जयान (8) और बेटी अमीन (4)—सपनों जैसा जीवन जी रहा था। लेकिन मां की हार्ट सर्जरी की खबर ने बेटे को खींच लाया। 6 दिन के लिए वह भारत आया, मां को इलाज दिलवाया और फिर पूरे परिवार संग लंदन लौटने की तैयारी की… लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
उड़ान जो लौट कर नहीं आई
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद से गैटविक (लंदन) के लिए रवाना हुई थी। विमान में जावेद का पूरा परिवार मौजूद था। टेक-ऑफ के कुछ ही मिनट बाद तकनीकी खराबी के कारण विमान क्रैश हो गया और उसमें मौजूद लगभग सभी लोगों की मौत हो गई—सिर्फ एक व्यक्ति को छोड़कर।
मां के लिए आया बेटा… और मां अब बेटे के लिए रो रही है
ये हादसा उस दर्द का नाम है जो किसी आधिकारिक रिपोर्ट में दर्ज नहीं होता। मां ने बेटे को बचाया था एक समय, अब बेटा मां को बचाने आया… लेकिन खुद चला गया। यह सिर्फ एक परिवार नहीं उजड़ा, यह उस प्यार, जिम्मेदारी और कुर्बानी की कहानी है जो NRI कहानियों के पीछे छिपी होती है।