- आज खंडवा में पानी की हर बूंद को सहेजने के उद्देश्य से चलाए जा रहे “जल गंगा संवर्धन अभियान” का समापन और वॉटरशेड सम्मेलन होगा।
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कार्यक्रम में 1518 करोड़ रुपये से अधिक के जल संरक्षण कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर मध्यप्रदेश में 30 मार्च से 30 जून तक 3 माह के लिए ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ चलाया गया।
- अभियान के समापन कार्यक्रम में जल गंगा संवर्धन अभियान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत 578.08 करोड़ रुपये की लागत से कराए गए 57 हजार 207 जल संरक्षण कार्य लोकार्पित किए जाएंगे।
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वॉटरशेड विकास के अंतर्गत 63.46 करोड़ रुपये की लागत से 888 जल संरक्षण के कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा।
- वॉटरशेड परियोजनाओं के कार्यों के प्रबंधन और अनुश्रवण के लिए वॉटरशेड वर्क मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का लोकार्पण किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जल संसाधन विभाग की 4 सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे।
- भाम राजगढ़ मध्यम सिंचाई परियोजना, बिहार सारोला बैराज, लाजैरा बैराज, हापला दीपला बैराज लघु सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण होगा ।
- इन परियोजनाओं की लागत करीब 312.77 करोड़ रुपये है, जिससे 8557 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी।
- इससे 21 ग्रामों के 7260 किसान लाभांवित होंगे।
- नर्मदा घाटी विकास विभाग की जावर माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना प्रशासकीय स्वीकृति रुपए 563.72 करोड़ का लोकार्पण किया जाएगा।
- इससे खण्डवा जिले के 52 ग्रामों के 21,666 किसानों की करीब 26 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी।
- कार्यक्रम में जल गंगा संवर्धन अभियान में अमृत 2.0 योजना अंतर्गत 50 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार की गई 74 जल संग्रहण संरचनाओं का लोकार्पण किया जाएगा।
- 90 दिनों तक जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन से की थी।
- प्रदेश में वर्षा जल के संचयन के लिए 90 दिन में 84 हजार 930 खेत-तालाब बनाए गए हैं।
- प्रदेश के सभी जिलों में 1 हजार 283 अमृत सरोवर भी बनाए जा रहे हैं, जिनका निर्माण कार्य भी जारी है।
- प्रदेश में तीन माह तक चलने वाले जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत 20 हजार 955 पुराने कार्य पूरे किए गए।
- अभियान से कुओं को जीवन देने के लिए राज्य सरकार द्वारा 1, 04, 294 कुओं में रिचार्ज पिट बनाए जा रहे हैं।
- प्रदेश में पहली बार जल गंगा संवर्धन अभियान में तकनीक के साथ बनाए गए खेत तालाब, कूप रिचार्ज पिट और अमृत सरोवर का सुखद परिणाम भी दिखने लगा है।
- मानसून की पहली ही बारिश में खेत तालाबों में पानी भरना शुरू हो गया है। इसके साथ ही कुएं भी रिचार्ज होने लगे हैं।
- प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि तीन माह में इतनी बड़ी संख्या में खेत तालाब, अमृत सरोवर और कूप रिचार्ज पिट का निर्माण कराया गया है।
- प्रदेश में 30 मार्च से 30 जून तक चलने वाले जल गंगा संवर्धन अभियान में जल स्रोंतों के संरक्षण के लिए नवाचार किए गए।
