पृष्ठभूमि
- कांग्रेस ने देशभर में 14 अगस्त से “वोट चोरी” (alleged rigging / irregularities in voting process) के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है।
- यह आंदोलन कांग्रेस नेतृत्व की राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा है, ताकि इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाया जा सके और विपक्ष को एकजुट किया जा सके।

छत्तीसगढ़ में आज से क्या होगा?
- चरणबद्ध प्रदर्शन: आज से प्रदेश के मुख्य शहरों (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, अंबिकापुर आदि) में कांग्रेस रैलियाँ होंगी।
- अवधि: यह रैलियाँ और धरना-प्रदर्शन 7 सितंबर तक जारी रहेंगे।
- नेतृत्व:
- कांग्रेस के राज्यस्तरीय वरिष्ठ नेता इन प्रदर्शनों की अगुवाई करेंगे।
- साथ ही, कई राष्ट्रीय नेता भी अलग-अलग चरणों में शामिल होंगे, ताकि आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर की ताकत दी जा सके।
कांग्रेस का संदेश
- कांग्रेस का आरोप है कि “वोट चोरी” (मतदान प्रक्रिया में धांधली और हेरफेर) लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
- आंदोलन का मकसद जनता के बीच यह संदेश फैलाना है कि कांग्रेस लोकतंत्र और मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क पर उतर रही है।
- रैलियों में यह भी दिखाना कि विपक्ष की यह लड़ाई केवल चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा है।
असर और राजनीतिक महत्व
- राजनीतिक माहौल गरमाना: छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर सीधा हमला करेगी।
- कार्यकर्ताओं की ऊर्जा: चरणबद्ध रैलियों से कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को संगठित और सक्रिय रख पाएगी।
- राष्ट्रीय–राज्यीय जुड़ाव: स्थानीय आंदोलन को राष्ट्रीय एजेंडा से जोड़ने का प्रयास।
- जन समर्थन परीक्षण: कांग्रेस देख पाएगी कि जनता इस मुद्दे पर किस हद तक साथ खड़ी है।
👉 कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ में आज से शुरू हो रहा यह चरणबद्ध आंदोलन कांग्रेस के लिए जनजागरण + संगठन मज़बूती + बीजेपी पर दबाव की रणनीति है।