🏥 चिकित्सा महाविद्यालयों की समीक्षा बैठक – प्रमुख निर्णय और पहलें
✅ बैठक का आयोजन
- 🗓️ दिनांक: हाल ही में
- 📍 स्थान: मंत्रालय महानदी भवन, रायपुर
- अध्यक्षता: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
- मुख्य उपस्थिति:
- स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया
- आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी
- राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के डीन और मेडिकल सुपरिटेंडेंट।

📝 बैठक में हुई महत्वपूर्ण चर्चाएँ और निर्णय
1️⃣ मानव संसाधन पर चर्चा
- नर्सिंग स्टाफ और पैरा मेडिकल पदों पर भर्ती प्रक्रिया का विश्लेषण किया गया।
- भर्ती में सुधार हेतु आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया गया।
2️⃣ राजनांदगांव में वायरोलॉजी लैब स्थापना का प्रस्ताव पारित
- वायरस से संबंधित जांच और रोग पहचान के लिए आधुनिक वायरोलॉजी लैब की स्थापना का प्रस्ताव स्वीकृत।
- यह कदम महामारी प्रबंधन और त्वरित रोग जांच की दिशा में अहम माना गया।
3️⃣ उपकरण और दवाइयों की खरीदी के अधिकार में वृद्धि
- डीन और मेडिकल सुपरिटेंडेंट को स्वशासी समिति के माध्यम से
👉 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए तक के अति आवश्यक उपकरण एवं दवाइयों की खरीद की अनुमति दी गई। - इसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को त्वरित बनाना और आवश्यक संसाधनों की शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करना।
4️⃣ NMC (National Medical Commission) मापदंडों का गैप एनालिसिस
- प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में NMC के तय मापदंडों के अनुरूप सुधार हेतु गैप एनालिसिस प्रस्तुत किया गया।
- सभी को निर्देशित किया गया कि इन मापदंडों का सख्ती से पालन किया जाए।
5️⃣ वित्तीय और प्रशासनिक सुधार
- उपकरण और दवाइयों के लंबित क्रय कार्य को शीघ्र पूरा करने हेतु:
✔ CGMSC (Chhattisgarh Medical Services Corporation) द्वारा मेडिकल कॉलेजों को त्वरित NOC (No Objection Certificate) प्रदान करने का निर्देश।
✔ अग्रिम राशि का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने पर भी जोर। - वित्तीय वर्ष 2025-26 में स्वीकृत नवीन परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा:
- नए मेडिकल कॉलेज
- फिजियोथेरेपी कॉलेज
- नर्सिंग कॉलेज।
6️⃣ अवसंरचना विकास पर ध्यान
- निर्णय लिया गया कि अवसंरचना विकास हेतु निम्नलिखित कार्य किए जाएँगे:
✔ छात्रावास भवन का निर्माण और नवीनीकरण।
✔ कॉलेज भवन का विस्तार।
✔ आंतरिक सड़क, पेयजल व्यवस्था और विद्युतीकरण।
7️⃣ सेवाओं और आपूर्ति व्यवस्था में सुधार
- उपकरण उपलब्धता पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- CGMSC को समय पर मांग पत्र भेजने और वित्तीय राशि का निर्गमन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
- दवाइयों और उपभोग्य सामग्रियों की आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने की योजना बनाई गई।
8️⃣ डीकेएस एवं सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की मॉनिटरिंग
- डीकेएस (District/Divisional/State-level Super Specialty Hospitals) और आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाताओं की सेवाओं का मॉनिटरिंग करने की प्रक्रिया पर भी चर्चा की गई।
- उद्देश्य: स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही को सुनिश्चित करना।
🌟 स्वास्थ्य मंत्री का संदेश
- प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता।
- चिकित्सकों से अपेक्षा कि वे सेवा भावना के साथ कार्य करें और जन अपेक्षाओं पर खरा उतरें।
✅ निष्कर्ष
इस समीक्षा बैठक के बाद राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कई सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
➡️ आधुनिक वायरोलॉजी लैब की स्थापना,
➡️ बेहतर उपकरण और दवा प्रबंधन,
➡️ अवसंरचना विकास,
➡️ भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता,
➡️ सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर निगरानी,
इन सबके माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य क्षेत्र को और मजबूत व सक्षम बनाया जाएगा।
🌱 इसका सीधा लाभ राज्य के आम नागरिकों को मिलेगा, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे।