उन्होंने कहा कि आस्था और परंपराओं के साथ समझौता नहीं किया जा सकता।
पवन कल्याण का बयान — “सनातन धर्म परीक्षण बोर्ड” की मांग
स्थान: तिरुपति, आंध्र प्रदेश
संदर्भ: तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) से जुड़ी धार्मिक परंपराओं और आस्था को लेकर हाल में उठे विवाद
मुख्य बातें:
- सनातन परंपराओं की रक्षा की आवश्यकता
जन सेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण ने कहा कि तिरुमला तिरुपति जैसे पवित्र स्थल की धार्मिक मर्यादाओं की रक्षा करना “हम सबका दायित्व” है।
उनके अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में प्रसाद, पूजा-विधि और प्रबंधन के तरीकों पर सवाल उठे हैं, जिनसे भक्तों की भावनाएँ आहत हुई हैं। - “सनातन धर्म परीक्षण बोर्ड” (Sanatan Dharma Pariksha Board) का प्रस्ताव
पवन कल्याण ने सुझाव दिया कि सरकार को एक स्थायी बोर्ड बनाना चाहिए, जो तिरुमला मंदिर सहित अन्य प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों की- धार्मिक परंपराओं की निगरानी,
- पूजा-पद्धति और प्रसाद की गुणवत्ता की जांच,
- और मंदिर प्रबंधन की धार्मिक नीतियों का परीक्षण करे।
- आस्था से समझौता नहीं हो सकता
पवन कल्याण ने कहा, “सनातन धर्म हमारे देश की आत्मा है।
अगर पवित्र स्थलों की परंपराओं से समझौता किया गया, तो यह हमारी सांस्कृतिक जड़ों को कमजोर करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि तिरुमला जैसे स्थल न केवल आंध्र प्रदेश बल्कि पूरे भारत की धार्मिक चेतना के केंद्र हैं। - राजनीतिक और धार्मिक महत्व
यह बयान ऐसे समय आया है जब तिरुपति देवस्थानम के प्रबंधन में कुछ विवादों की चर्चा चल रही है —
जैसे प्रसाद में मिलावट की शिकायतें, दर्शन शुल्क व्यवस्था में बदलाव, और मंदिर प्रबंधन में पारदर्शिता को लेकर सवाल।
इसलिए पवन कल्याण का यह बयान भक्तों की भावनाओं से जुड़ा और राजनीतिक रूप से भी प्रभावशाली माना जा रहा है।

🕉️ पृष्ठभूमि और महत्व
- तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) विश्व का सबसे धनवान हिंदू मंदिर ट्रस्ट है।
- यहाँ हर दिन लाखों श्रद्धालु आते हैं और विशाल पैमाने पर प्रसाद, सेवा और दान का प्रबंधन होता है।
- ऐसे में “धर्म परीक्षण बोर्ड” का विचार धार्मिक अखंडता और पारदर्शिता दोनों दृष्टियों से एक महत्वपूर्ण पहल हो सकता है।
