बाइक और कार की तरह ही हवाई जहाज की भी सर्विस होती है. विमान की सर्विस और उसकी देखभाल बहुत ही जरूरी और जिम्मेदारी भरा काम होता है. इसका मकसद सिर्फ यह नहीं है कि विमान समय पर उड़ जाए, बल्कि यह सुनिश्चित करना होता है कि विमान सुरक्षित तरीके से उड़ान भर सके और यात्री सुरक्षित रहें. बाइक या कार की सर्विस कुछ हजार किलोमीटर चलने पर, या फिर एक तय समय पर होती है. लेकिन विमान की सर्विस कब होती है, इस बारे में आज हम विस्तार से बता रहे हैं.
दुनियाभर में विमान की सर्विस को लेकर कुछ तय नियम होते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय संस्था ICAO और भारत की डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा बनाए गए हैं. यह नियम विमान के मॉडल, उसके उड़ान के घंटों और उड़ान चक्र यानी टेकऑफ और लैंडिंग की संख्या पर आधारित होते हैं. साथ ही विमान बनाने वाली कंपनी की सलाह को भी ध्यान में रखा जाता है.

हर विमान की सर्विस एक तय समय पर करनी पड़ती है और इसके लिए अलग-अलग स्तर बनाए गए हैं. उड़ान से पहले और बाद में जो बुनियादी जांच होती है, उसे प्री-फ्लाइट और ट्रांजिट चेक कहा जाता है. इसमें ईंधन, इंजन ऑयल, टायर, और अन्य जरूरी सिस्टम की जांच होती है.