भारत अब UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) को दुनिया के बड़े पेमेंट नेटवर्क के रूप में स्थापित करने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू ने बताया कि भारत 7-8 और देशों के साथ UPI स्वीकार्यता को लेकर औपचारिक बातचीत कर रहा है।

UPI फिलहाल इन 8 देशों में काम कर रहा है
भूटान
सिंगापुर
कतर
मॉरीशस
नेपाल
UAE
श्रीलंका
फ्रांस
इसका सबसे बड़ा फायदा —
➡ भारतीय पर्यटकों को कार्ड/फॉरेक्स पर निर्भर नहीं रहना पड़ता
➡ मोबाइल से सीधे भुगतान संभव
भारत की fintech शक्ति का प्रदर्शन
नागराजू ने कहा —
भारत डिजिटल इकोनॉमी के विस्तार के साथ अपनी फिनटेक क्षमता को दुनिया में साबित करना चाहता है।
भारत जिन देशों से बातचीत कर रहा है, उनमें:
✔ पूर्वी एशिया के कई देश शामिल
✔ आने वाले समय में सीमापार भुगतान (Cross-border payments) का बड़ा माध्यम बनकर उभर सकता है UPI
अब व्यापार समझौतों में भी शामिल होगा UPI
भारत अब सिर्फ पारंपरिक व्यापार वार्ताओं तक सीमित नहीं
बल्कि फिनटेक–पेमेंट इंटीग्रेशन को भी व्यापार समझौतों का हिस्सा बनाया जा रहा है
क्यों UPI दुनिया में सफल हो रहा है?
भारत के पास:
Cost Efficiency
Technology Scale
Execution Capability
… तीनों की मजबूत पकड़
इसी मॉडल को दुनिया में एक्सपोर्ट किया जा रहा है।
जल्द ही दर्जनों देशों में भारतीय और स्थानीय उपभोक्ता दोनों UPI का इस्तेमाल कर पाएँगे।
भारत वैश्विक पेमेंट इकोसिस्टम में अब Rule Maker बनने की ओर बढ़ रहा है।
